रामरतन पंवार ,जखोली
ग्राम पंचायत बुढना मे भारी बारिश के चलते आशालाल की एक गौशाला मलबे मे दफन।
गौशाला के अन्दर दो भैंस एक गाय व एक बैल सहित बँधे थे चार जानबर,
एक भैंस और गाय थी ब्याहने के लिए चारो जानबर चढें आपदा की भेट।
घटना स्थल पर पहुंची आपदा प्रबंधन की टीम, राहत कार्य जारी
पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है. बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ गई हैं. उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जनपद के दूरस्थ बुढ़ना गांव में बारिश के बाद हुये भूस्खलन से एक गौशाला ध्वस्त हो गई आपको बता दें की 28 जुलाई की सुबह को लगातार भारी बारिश के चलते ग्राम पंचायत बुढना के अन्तर्गत भेट नामी तोक मे अनूसूचित बस्ती के रहने वाले आशा लाल पुत्र दलेब लाल की गौशाला के ऊपर भारी मलबा आ जाने कारण गौशाला पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गयीं । घटना की जानकरी आशालाल के द्वारा तत्काल प्रधान श्रीमती आरती देबी को दी गयी,जैसे प्रधान को सूचना मिली वैसे ही प्रधान आरती देवी द्वारा बुढना मे भारी अतिवृष्टि के चलते नुकसान की खबर दूरभाष से जखोली तहसील प्रशासन व जिलाधिकारी आपदा प्रबंधन को दे दी गयी है,सूचना मिलते ही आपदा टीम बुढ़ना गाँव के लिए रवाना हुई टीम के पहुँचते ही रेसक्यू शूरु किया साथ मलबा अधिक होने के कारण जेसीबी मशीन की मदद ली गयी। वही आशा लाल ने बताया कि हमारी एक भैस और गाय हाल के लिए ब्याने वाली ही थी जिनको देखने आशा लाल की पत्नी सुबह 4 बजे देखने ही जा रही कि ठीक उसी समय कुदरत का ऐसा कहर ढाया कि गौशाला के ठीक ऊपर से भारी मलबा आने के कारण गौशाला के अंदर बँधे दो भैस एक गाय, तथा एक बैल सहित चार जानबर देखते ही देखते मिट्टी मे दफन हो गये मलबा इतनी ज्यादा मात्रा मे आया कि गौशाला कही दिख भी नही रहा है।आपको यह भी बता दे कि ठीक उसी बगल मे आशा लाल का आवासीय भवन भी है, गनीमत ये रहा कि उनका आवासीय भवन बच गया नही तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती है।
गौशाला से हटाया जा रहा मलबा
पहाड़ों में अब बारिश के बाद भूस्खलन होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं अधिक हो रही हैं. रुद्रप्रयाग जनपद के दूरस्थ गांव बुढ़ना में बारिश के बाद हुये भूस्खलन के कारण एक गौशाला ध्वस्त हो गयी और गौशाला के अंदर बंधे चार मवेशी मलबे में जिंदा दफन हो गये. गौशाला से मलबा हटाने का कार्य जारी है. यहां डीडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं.
डीडीआरएफ कर रही रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि, बुढ़ना गांव में गौशाला ध्वस्त होने की सूचना मिलने के बाद तुरंत डीडीआरएफ की टीम को रवाना किया गया. वहां चार मवेशी जिंदा दफन हो गये. डीडीआरएफ की टीम रेस्क्यू करने के काम में जुटी हुई है.
वही आशा लाल की पत्नी पिंकी देबी व परिवार का इस हृदय विदारक घटना को देखकर रो-रो कर बूरा हाल है।आशा लाल का लगभग तीन लाख रू का नुकसान हो चुका है। इस समय घटना स्थल पर प्रधान श्रीमती आरती देबी,आशा कार्यकर्ती आशा देबी,बलवीर लाल,प्रेम सिह सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र नैथानी, शिबालाल,प्यारी देबी,रुकमणी देबी, सहित कई लोग उपस्थित रहे।
और चार मवेशी मलबे में जिंदा दफन हो गये. वहीं केदारनाथ हाईवे चार स्थानों पर बंद है. केदारनाथ हाईवे के जगह-जगह बंद होने से केदारनाथ धाम से आने-जाने वाले तीर्थयात्री भी फंसे हुये हैं. इसके अलावा बद्रीनाथ हाईवे के सिरोबगड़ में लगातार ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है. ऐसे में यहां पर सफर करना खतरे से खाली नहीं रह गया है.