आदेशानुसार एमबीबीएस छात्रों को निर्धारित फीस का करना होगा भुगतान
प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित फीस ही करनी होगी जमा
देहरादून। गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ के फीस निर्धारण सम्बन्धित मामले पर उच्च न्यायालय, नैनीताल ने बुधवार को एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के पक्ष में फैसला सुनाया है। प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित फीस की पहली किश्त 30 प्रतिशत तत्काल व शेष फीस तीन किश्तों में छात्र छात्राओं को जमा करनी होगी। कुछ दिन पूर्व कुछ छात्र छात्राएं, उनके अभिभावक व असमाजिक तत्वों ने मेडिकल काॅलेज के गेट पर धरना प्रदर्शन किया था। इन लोगों ने प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति के फीस निर्धारण के फैसले के विरूद्ध गैरकानूनी तरीके से धरना प्रदर्शन किया था। एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के अधिकारियों व दून के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित फीस की नियमावली व कानूनी प्रक्रिया समझाकर बिना शर्त धरना समाप्त करवाया था। उसके बाद मेडिकल छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक उच्च न्यायालय नैनीताल गए। उच्च न्यायालय नैनीताल ने एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए छात्र-छात्राओं को फीस जमा करने के आदेश जारी किए हैं।
काबिलेगौर है कि एमबीबीएस वर्ष 2018 बैच के छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के दौरान एमबीबीएस की फीस निर्धारित नहीं थी। इस कारण राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ओम प्रकाश ने इस आश्य का एक पत्र जारी किया था और उल्लेख किया था कि छात्र-छात्राओं द्वारा जो फीस उस समय दी जा रही है वह एक प्रोविजलन व्यवस्था है। इस बात की जानकारी होते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं ने 100 रुपये के स्टॉम्प पेपर पर यह घाषणा की कि माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर राज्य में प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति द्वारा जो भी फीस निर्धारित की जाएगी, छात्र-छात्राएं उस फीस का भुगतान करेंगे। लेकिन प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति के द्वारा फीस निर्धारित किए जाने के बाद कुछ छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के गेट पर धरना प्रदर्शन करने बैठ गए थे।
श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के गेट पर जिन लोगों ने भी धरना प्रदर्शन किया, उनकी जितनी निंदा की जाए वो कम है। मेडिकल काॅलेज के छात्र-छात्राएं हमारे अपने बच्चे हैं लेकिन सभी को अपनी मर्यादा और सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए। भ्रामक जानकारियों, अफवाहों व असमाजिक तत्वों के बहकावे में आकर एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के कुछ छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक बड़ी गलती कर गए। उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए था कि विद्या के जिस मंदिर में वे शिक्षा व अनुभव ग्रहण कर रहे हैं उसी मंदिर के खिलाफ अशोभनीय व्यवहार उन्हें उनकी नजरों में ही गिरा देगा। यह घटनाक्रम उन लोगों के लिए भी नजीर है जो विधि द्वारा स्थापित नियम व कानून आधारित फैसलों को बिना सोचे समझे सड़क पर चुनौती देने निकल पड़ते हैं।
डॉ. यशबीर दीवान