रिपोर्ट। सोनू उनियाल
नीति गमशाली गांव मे अक्टूबर हुई बारिश से पहली बर्फ़ बारी देखने को मिली। जिससे अब नीति गमशाली के लोग ऋतु प्रवास मैं अब घाटी से नीचे इलाको को लौटने लगे है। लेकिन नीती घाटी के तमक मे सड़क अवरुद्ध होने के कारण नीती घाटी के ऋतुप्रवासी ग्रामीण घाटी मे ही फंस गए हैं। प्रशासन ने बृद्ध, बीमार व महिलाओं को लाता अथवा जोशीमठ तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था तो की है लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेली नहीं पहुंच सका।
इन दिनों नीती घाटी के जेलम, कोसा, द्रोणागिरी, गरपक, मलारी, कैलाशपुर, फरकिया, महर गाँव, बाम्पा, गमशाली व नीती आदि गांवों के ग्रामीण शीतकालीन प्रवासों के लिए निचले इलाकों में लौटते हैं। लेकिन 17 से 19 अक्टूबर तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण नीती घाटी मे न केवल तमक बल्कि शलधार-तपोवन से लेकर नीती गांव तक कई स्थानों पर सड़क ध्वस्त हो गई थी।
अबतक बीआरओ द्वारा जोशीमठ से तमक व नीती-मलारी से तमक तक यातायात बहाल कर दिया गया है, लेकिन तमक में अभी सड़क अवरुद्ध है, जिसे खोलने के लिए बीआरओ की ओर से 26 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
जरूरी कार्य से जोशीमठ की तरफ आने वाले ग्रामीण तमक मे नदी किनारे जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं, लेकिन बीमार, बृद्ध व महिलाएं सड़क खुलने के इंतजार मे हैं।