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कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया सिल्क एक्सपो का उद्घाटन

देहरादून।

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मंगलवार से सिल्क मार्क ऑर्गेनाइजेशन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार, रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 7 दिवसीय सिल्क एक्स्पो 2023 का उद्घाटन कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा विधिवत् दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष चौ. अजीत सिंह द्वारा की गई।
ये सात दिवसीय सिल्क एक्स्पो 12 से 18 सितम्बर तक होटल मधुबन में प्रातः 11 बजे से सांय 8 बजे तक चलेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री गणेश जोशी द्वारा कहा गया इस एक्स्पो में देशभर के लगभग 12 राज्यों के 30 से अधिक स्टाल लगाये गये हैं, जिसमें हर राज्य की रेशम बुनाई की विधा, प्रचलित डिजाइन के उच्च गुणवत्ता रेशमी उत्पाद ग्राहकों के लिये एक छत के नीचे उपलब्ध हैं। जिसके लिये समस्त आयोजक मण्डल बधाई का पात्र है एवं विशेष रुप से देशभर में रेशमी उत्पादों की गुणवत्ता को सर्टीफाईड करने वाली संस्था सिल्कमार्क आर्गेनाईजेशन बधाई की पात्र है।
प्रधानमंत्री जिस लोकसभा से चुनकर आये है तो फिर से रेशम बुनकरो की स्थिति अच्छी हो गयी है। किसानों की मजदूरी शीघ्र बढ़ाने हेतु ग्राम्य विकास विभाग के साथ मिलकर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा।
मंत्री द्वारा बताया गया कि सिल्क एक्स्पो 2023 में देवभूमि उत्तराखण्ड में जहां एक और राज्य के रेशम से बने रेशमी शॉल, स्टॉल, साड़ी, पहाड़ी टोपी जैसे रेशमी उत्पाद आपको आकर्षिक करेंगे, वहीं दूसरी और सूदर उड़ीसा की उड़ीसा ईकट, मध्यप्रदेष की चन्देरी सिल्क, झारखण्ड का झारक्राफ्ट, कर्नाटक का मैसूर सिल्क, छत्तीसगढ़ का टसर सिल्क के उत्पादों के साथ महाराष्ट्र के रेशमी उत्पाद, उत्तर प्रदेश के बनारसी सिल्क एवं बिहार में बहुतायत में प्रचलित टसर सिल्क के विविध उत्पाद प्राप्त होंगे।
बताया गया कि रेशम फेडरेषन द्वारा उत्पादित धागा अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ग्रेड 3 ए का है एवं राज्य में उत्पादित होने वाले रेशम पूरे देश में सबसे अच्छा माना जाता है जो कि राज्य के लिये गौरव का विषय हैं।

कार्यक्रम में बोलते हुये कृषिमंत्री जोशी ने यह भी कहा की ग्रोथ सेंन्टर सेलाकुई में गत वर्ष मेरे द्वारा एक पावरलूम का शुभारम्भ किया गया जो वर्तमान में कार्यशील है और जिसके माध्यम से साड़ियों का उत्पादन भी प्रदेश में प्रारम्भ हो गया है और जिस इकाई में बनी साड़ियां आज इस एक्स्पो में विक्रय हेतु प्रदर्शित की गई हैं, यह एक उपलब्धि है, बस आज जरूरत है ब्रांड दूनसिल्क का प्रचार प्रसार और उत्पादन एवं गुणवत्ता बनाये रखने के लिए कार्य करना होगा।

प्रबन्ध निदेशक आनन्द शुक्ला द्वारा कहा गया की यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे प्रदेश की जलवायु चारों प्रकार के रेशम – शहतूती, एरी, मूंगा और टसर उपयुक्त है और वर्तमान समय में चारों प्रकार का रेशम प्रदेश में उत्पादित भी किया जा रहा है, जिसमें शहतूत रेशम प्रमुख है, लेकिन हमें शहतूती रेशम के साथ – साथ वन्या रेशम उत्पादन पर भी ध्यान देते हुए उसका उत्पादन भी व्यावसायिक स्तर पर ले जाने का कार्यक्रम है।

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निदेशक रेशम द्वारा कहा गया की शहतूती के साथ- साथ अन्य प्रकार के रेशम के उत्पादन किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है उस दिशा में भी कार्य किया जा रहा है, विभाग का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना है, और मैं समझता हूॅ इसमें रेषम की फसल जो कि कैसक्रॉप (नकदी फसल) होने के कारण सहायक उद्योग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, रेशम का कार्य किसान अपने दैनिक कार्यों के साथ बहुत आसानी से कर, अपनी आय में वृद्धि कर सकता है।

कार्यक्रम में सिल्क मार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के0एस0गोपाल ने बताया कि सिल्कमार्क केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है, सिल्क मार्क का प्रबंधन सिल्क मार्क ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसएमओआई) द्वारा किया जाता है । छह वर्षों से अधिक की अपनी छोटी सी अवधि में, एसएमओआई ने लगभग 1900 अधिकृत उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने और बाजार में एक करोड़ से अधिक सिल्क मार्क लेबल वाले उत्पाद उपलब्ध कराने में शानदार सफलता हासिल की है सिल्क मार्क एक्सपो सिल्क मार्क के प्रचार में एक शक्तिशाली उपकरण साबित हुआ है ।

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इस वर्ष के दौरान देश भर के प्रमुख महानगरों में बारह एक्सपो आयोजित किए जा रहे हैं। गोपाल द्वारा कहा गया कि शुभकामनाए जल्दी रेशम फेडरेशन के ब्रांड दूनसिल्क के प्रचार प्रसार हेतु केंद्रीय रेशम बोर्ड का पूरा सहयोग करेगा और जल्द देहरादून ने रेशम फेडरेशन, और सिल्कमार्क द्वारा रेशम घर की स्थापना जी जाएगी।

निबंधक सहकारिता ने कहा रेशम फेडरेशन द्वारा पूर्ण मूल्य श्रृंखला पर कार्य कर रहा है और अच्छे तरीके से किया जा रहा है, आज समय है कि सहकारी फेडरेशन के ब्रांड को बढ़ाया जायेगा इसलिए हर प्रकार से इसका सहयोग प्रदान किया जायेगा।

सचिव कृषि ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस एक्सपो का प्रमुख उद्देश्य रेशम से जुड़े कास्तकारों को एक प्लेटफॉर्म मिल सके जिसका अंतिम फायदा रेशम काश्तकारों को मिलेगा। रेशम निदेशालय और फेडरेशन द्वारा डिजाइनो की गुणवता बहुत सुन्दर है।
हमें अपनी गुणवत्ता बनाये रखनी होगी जिससे ब्रांड दूनसिल्क का विस्तार होगा।

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इससे पूर्व कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अध्यक्ष रेशम फेडरेशन द्वारा अतिथियो का स्वागत किया गया एवं फेडरेशन द्वारा गत पांच वर्षो में किये गये महत्वपूर्ण कार्यों से अवगत कराया गया, उनके द्वारा अवगत कराया गया कि इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक फेडरेशन अपने स्तर पर रु0 3-4 करोड़ के रेशमी वस़्त्रों के उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त उर उनके विपणन हेतु वर्तमान में संचालित किये जा रहे दून सिल्क के रिटेल स्टोरों की संख्या बढायेगा। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि फेडरेशन द्वारा विगत पांच वर्षों में खासकर रेशम बुनाई के क्षेत्र में बहुत कार्य किया गया जिसमें सेलाकुई में साड़ियों के उत्पादन हेतु पावरलूम की स्थापना, प्रदेश में रेशम बुनाई के माध्यम से स्वरोजगार हेतु 150 लाभार्थियों को हैण्डलूम वितरण सहित ब्रांड दूनसिल्क का पंजीकरण और सिल्क मार्क से फेडरेशनों के उत्पादों का सर्टीफिकेशन आदि कराया गया एवं निकट समय में एक और पावरलूम इकाई की स्थापना की जा रही है जिससे फेडरेशन को अपने रिटेल स्टोरों के लिये पर्याप्त मात्रा में उत्पादन प्राप्त हो सकेगा।

इस अवसर पर सचिव कृषि दीपेन्द्र चौधरी, निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखण्ड आलोक पाण्डेय, प्रबंध निदेशक, रेशम फेडरेशन आनन्द शुक्ला, निदेशक रेशम प्रदीप कुमार, उपाध्यक्ष रेशम फेडरेशन विक्रम सिंह विष्ट, सहायक निदेषक, प्रबंध समिति धर्मबीर तोमर, सुनील कुमार, बनारसी लाल, सत्यपाल शम्भू लाल, केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारी दशरथी बेहरा, सहायक निदेशक मुख्यालय विनोद तिवारी, सचिन खन्ना, प्रबंधक रेशम फेडरेशन मातबर कण्डारी, निदेशक कृषि पाठक, आर्गेनिक बोर्ड के विनय , सागंध पौध केंद्र के चौहान, प्रशासनिकअधिकारी राजेश कुमार, विनोद कुमार सहित विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।