organic ad

आखिर ऐसा क्या हुआ की 38 साल बाद घर पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर

साल 1984 में सियाचिन में शहीद हुए 19 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद मिला है। शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर आज यानी 15 अगस्त को उनके घर पहुंचेगा, जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

electronics


बता दें कि मई 1984 में भारत-पाकिस्तान की झड़प के दौरान सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई थी। इसमें लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला भी शामिल थे। सभी सैनिक सियाचिन में ग्लेशियर टूटने की वजह से इसकी चपेट में आ गए थे। भारत सरकार और सेना की ओर से सैनिकों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें 15 सैनिकों के शव मिल गए थे लेकिन पांच सैनिकों का पता नहीं चल सका था। इसके बाद सेना ने चंद्रशेखर के घरवालों को उनके शहीद होने की सूचना दी थी। उसके बाद परिजनों ने बिना शव के चंद्रशेखर हर्बोला का अंतिम क्रिया-कर्म पहाड़ी रीति रिवाज के हिसाब से कर दिया था।
इस बार जब सियाचिन ग्लेशियर पर बर्फ पिघलनी शुरू हुई, तो खोए हुए सैनिकों की तलाश शुरू की गई। इसी बीच, 38 साल बाद शनिवार यानी 13 अगस्त को भारतीय सेना के गश्ती दस्ते को एक टूटे बंकर में एक कंकाल मिला। इसके साथ एक आइडेंटिटी डिस्क मिली। इसमें उनका बैच नंबर और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज थीं। इसके बाद उनके परिजनों को सूचना दी गई।

ये भी पढ़ें:  देहरादून:टिकट के लिए इतनी हद पार कर गए कई भाजपाई, भाजपा महानगर कार्यालय में कल हो गई हाथापाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *