एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने उत्तराखंड के 65 विधायकों के 2022 के चुनावी खर्च पर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक पिथौरागढ़ से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आए मयूख महर ने चुनाव में सबसे ज्यादा रकम खर्च की है। जबकि मंगलौर सीट पर जीतने वाले बसपा के सरवत करीम अंसारी ने विधानसभा चुनाव में सबसे कम खर्चा किया है।
किस विधायक ने खर्च की कितनी धनराशि
गौर हो कि विधानसभा चुनाव 2022 में विधायक का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग की तरफ से अधिकतम खर्चे की सीमा 40 लाख रुपए रखी गई थी। जिसमें मयूख महर ने चुनाव में 35,85,627 रुपये खर्च किए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिले के खानपुर से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले उमेश कुमार का चुनावी खर्च 33,14,458 रुपए था जबकि तीसरे नंबर पर अल्मोड़ा की जागेश्वर सीट से विजयी मोहन सिंह मेहरा ने 32,74,791 रुपये अपनी जीत के लिए खर्च किए हैं। एडीआर के मुताबिक चुनाव में विजयी हुए उम्मीदवारों का कहना है कि 68 प्रतिशत धन उन्हें सियासी दल से मिला था। 20 प्रतिशत खुद की जेब से खर्च हुए। जबकि 12 प्रतिशत अन्य स्त्रोतों से मिला।
आठ लाख रुपए खर्च कर जीत की हासिल
वहीं, सबसे कम रुपये खर्च कर चुनाव जीतने वालों में पहले नंबर पर मंगलौर के सरबत करीम अंसारी रहे। चुनाव आयोग को दिए हलफनामों के मुताबिक अंसारी ने 7,52,930 रुपये ही खर्च किए। जबकि ज्वालापुर से विधायक बने इंजीनियर रवि बहादुर के 10,76,037 और लक्सर से बसपा के टिकट पर फतेह हासिल करने वाले शहजाद का चुनावी खर्चा 11,33,960 रुपये आया।
भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं पर किया ज्यादा खर्च
कांग्रेस के 19 विधायकों ने अपने कार्यकर्ताओं पर भाजपा के मुकाबले ज्यादा रकम खर्च की है। भाजपा ने जहां औसत 2.2 लाख खर्च किए तो कांग्रेस के 19 विधायकों ने औसत 4.15 लाख रुपये खर्च किए। बसपा विधायकों ने औसत 54 हजार और निर्दलीय ने 88 हजार रुपये खर्च किए।