ग्राम उछना जखोली रूद्रप्रयाग में रावल बाकी नागेन्द्र शिव शक्ती ,के स्वर्गीय कुंवर सिंह रावत जी की पुण्य तिथि एवं गुमान सिंह जी की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण के षष्ठम दिवस की कथा में सम्बोधित करते प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी नें कहा जहां प्रेम होता वही गोकुल है जहां भगवान कृष्ण खेले रहे आजकी रहना पसन्द करते हैं मथुरा में जन्मे तो रहना पसंद नहीं किया क्योंकि वहां धन था और कंस था जहां ऐश्वर्य है वहां अभिमान बढ़ जाता है अभिमान ही कंस है जहां आदर नहीं सचमुच में प्रेम है तो गोकुल ऐश्वर्य है तो मथुरा केवल मात्र
हमारा आदर तो केवल भगवान् ही कर सकते है, संसार में जब तक किसी व्यक्ति का स्वार्थ नहीं होता, तब तक वह किसी का भी आदर नहीं कर सकता, आज तक का इतिहास उठाकर देख लो इस संसार से कभी कोई तृप्त नही हुआ, जो वस्तु जिसके पास अधिक है उसको उसकी उतनी ही अधिक भूख रहती है, जिसके पास धन अधिक है तो उसको और अधिक धन पाने की इच्छा होती है।
सज्जनों! निर्धन व्यक्ति के पास रुपये नहीं है उसको पचास, सौ रुपये मिल जायेगें तो समझेगा कि बहुत मिल गया, लेकिन जो जितना धनवान व्यक्ति होता है उसकी भूख उस निर्धन व्यक्ति से अधिक होती है, संसार में हमें सुख-सम्पत्ति का त्याग नहीं करना है, परन्तु सुख-सम्पत्ति को पाने की इच्छा का त्याग करना चाहिये, यह इच्छा ही तो हमारे पतन का कारण बनती आयी है।
ज्ञान के द्वारा ही संसार का त्याग हो सकता है और सम्पूर्ण विश्वास के साथ ही परमात्मा से प्रेम हो सकता है, जिनसे भी हमारा संसारिक संबन्ध है उन सभी का हमारे ऊपर पूर्व जन्मों का कर्जा है उन सभी का कर्जा चुकाने के लिये ही तो यह शरीर मिला है, कर्जा तो हम चुकता करते हैं लेकिन साथ ही नया कर्जा हम फिर से चढ़ा लेते हैं।आचार्य ममगांई जी कहते हैं,
जब तक हम कर्जदार रहेंगे तो मुक्त कैसे हो सकते हैं? यह तभी संभव हो सकेगा जब कि हम इस संसार से नया कर्जा नहीं लेंगे, संसार तो केवल हमसे वस्तु ही चाहता है हमें कोई नहीं चाहता, हम सभी पर मुख्य रूप से दो प्रकार का कर्जा है, एक शरीर जो प्रकृति का कर्जा है, दूसरा आत्मा जो परमात्मा का कर्जा है, इसलिये हमें संसार से किसी भी वस्तु को पाने की इच्छा का त्याग कर देना चाहिये।
आज इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष भाजपा महावीर सिंह पंवार उपाध्यक्ष जोशी पूर्व जेष्ठ प्रमुख अर्जुन सिंह गहरवार मंगला देवी रावत प्रबल रावत नैन सिंह रावत महावीर रावत धन सिंह रावत अवतार सिंह रावत पुष्कर रावत दलवीर भंडारी सोहन सिंह ग्राम प्रधान ,मुकेश सिंह सुमेर सिंह रावत खुशहाल कपूर सिंह काथक सिंह दीपा रावत दिगम्बर रावत गुडू वैशाख सिंह बक्तावर सिंह रावत नागेन्द्र ममगाईं किशन सिंह रावत सौकार सिंह पंवार खेम सिंह मनोज लक्ष्मण सिंह मनोज शिव सिंह रावत अजय सिंह धन सिंह सिता नेगी सौकारी कैन्तुरा गुडी पंवार रमला रावत सुशमा आशा गेडुड़ी प्रमीला रावत आचार्य भानु प्रसाद ममगाईं आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य राम प्रसाद ममगाईं आचार्य आशिष ममगाईं आचार्य अंकित केमनी आचार्य अशोक शर्मा आचार्य संदीप ममगाईं आचार्य सुनील शुक्ला आचार्य सुरेश जोशी आदि भक्त गण उपस्थित रहे।।

