organic ad

अनेक शक्तियां उतपन्न हुई राधा शक्ति से आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं


ऋषिकेश गंगानगर सरदार जी के प्लाट में नौटियाल वन्धुओं के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में देवी चर्चा करते हुए कथा मर्मज्ञ आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी कहा नवरात्र पूजा से सभी सिद्धि मिलती है अष्ठधा प्रकृति के वन्धन से मुक्ति मिलती अष्टमी पूजा से वैसे परमात्मा भी सृष्टि के निदान कारण है शक्ति सब्द में दो शब्द है स ऐश्वर्य वाचक अक्ति पराक्रम वाचक है जिस प्रकति में वाक चातुर्य व पराक्रम दोनों ही विद्यमान है उसे शक्ति कहते हैं उसीतरह भगवती में भी दो शब्द है भग का मतलब ऐश्वर्य वति का मतलब षड ऐश्वर्य है अतः ज्ञान समृद्धि यश बल से परिपूर्ण होने के कारण प्रकृति देबी ही भगवती शक्ति है उस शक्ति से युक्त होने के कारण परमात्मा भी भगवान कहलाता है ये सर्व तन्त्र स्वतंत्र होते हुए आत्मप्रभु साकार व निराकार भी है इनका निराकार भी परम् तेजमय है योगी पुरुष सदा उसी तेजमय पुरुष का ध्यान करते हैं और कहते हैं कि परमात्मा सर्वत्र ईश्वर व आनंद स्वरूप है उस अवस्था मे प्रकृति पुरुष का सम्बंध रहता है इसलिए वह सत चित आनंदमय है अदृश्य है किंतु सभी को दिखती है इसी कारण यह सर्व स्वरूप है ये ब्रह्म ओंकार के मध्य भाग में विराजते हैं गौ के सुशोभित उस गो लोक में भी श्रीकृष्ण भगवान की अज्ञानुसार ब्रह्म आदि देवता राधा की पूजा करने लगे तत्पश्चात सुयघ राजा ने उस राधा देवी का पूजन किया भगवान शंकर के आदेश से सबने राधा की उपासना करी अनेक कलाओं से राधा व शक्ति की जो कलाएं उतपन्न हुई भगवान दो विरोधी धर्मो का अधिष्ठान है इसलिए उसे समझने में कठिनाई होती है किंतु उसे प्राप्त किया जा सकता है और वह वही कर सकता है जिस पर उसकी कृपा हो जाये उसकी कृपा से ही प्राकृत इन्द्रिय मन बुद्धि को दिव्यता प्राप्त हो जाती है जिससे दिव्य ईश्वर ग्राह्य हो जाता है विश्व का प्रत्येक जीव आस्तिक ही है यह करोड़ो कल्प परिश्रम करके भी नास्तिक नही बन सकता क्योंकि प्रत्येक अनीश्वरवादी आनंद को तो मानता ही है और आनंद ईश्वर का पर्यायवाची है अतएव आनंदोपासक स्वयम ही ईश्वरो पासक सिद्ध हो जाता है उसका ईश्वरीय गुणो में प्रेम भी ईश्वर को सिद्ध करता है यहाँ तक कि उसकी स्वयम सता ही ईश्वर को सिद्ध करती है वही मधुबन आश्रम के परमानंद महाराज जी ने कथा का श्रवण किया और अपने उद्बोधन में गंगा के किनारे कथा सुनना एक अलग सी महत्व बढ़ जाता है हमको गंगा की तरह लोमोह के कचरे को दूर करके स्वच्छ मन स्वच्छ भाव से मानव जीवन में जीना है वही मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश कोठारी जी ने भी कथा का श्रवण किया
इस अवसर पर मुख्य रूप से मनोज नौटियाल शकुंतला नौटियाल मधु नौटियाल राकेश नौटियाल रितिक नौटियाल स्मृति नौटियाल अनिल नौटियाल अंजली आस्था प्राची हिमांशु प्रीति प्रज्ञा अंकित नौटियाल उत्तरांचल उत्थान परिषद के संयोजक नरेंद्र मैठानी जी दिनेश सेमवाल जी अमित लक्ष्मी नौटियाल आदि भक्त भारी सँख्या में उपस्थित थे।।

electronics
ये भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री ने दिए दिल्ली मार्ग पर बसों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *