हैवानियत: गौरीकुंड से घनसाली की और जाते वाहन मे लदे बिमार घोड़े को सड़क पर मरने के लिए फेंका, कार्रवाई की मांग

रामरतन सिंह पंवार, जखोली

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जखोली- श्री केदारनाथ धाम की यात्रा के अंतिम चरण के दौरान गौरीकुंड से और केदारनाथ धाम तक घोड़े खच्चरों से यात्रियों को ढोने वाले खच्चर मालिक यात्राकाल के दौरान खच्चरो के पीछे लाखो रूपये कमा कर अपने परिवार का पालन पोषण भलि भाँती करते है लेकिन आखिर मे घोड़े -खच्चर मालिक उन बेजुबान जानबरो के साथ कसाई जैसा व्यवहार करते हैं। कई खच्चर मालिक गाडियों मे उन बेजुबान को अपने घर ले जाते समय किन्हीं कारणो से खच्चर अगर बिमार हो जाता है जो उसको आधे रास्ते मे गाड़ी से नीचे फेंक दिया जाता है और चंपत हो जाते हैं, यही एक मामला अभी हाल मे देखने को मिला है।
जानकारी के लिए बता दे कि अभी हाल मे यानी 10 नवम्बर को एक पिकप गाड़ी जिसमे जड़धारी सेटरिंग नागणी लिखा है गौरीकुंड से घनसाली की और जा रहा था जिस गाड़ी मे एक सफेद रंग का घोड़ा और खच्चर भी लदे थे बताया जा रहा है कि यही व्यक्ति मोटर मलिक भी है और खच्चर भी इसी के थे। इस पिकप मे लदा एक घोड़ा बिमार बताया जा था जिसको कि उस व्यक्ति ने मयाली स्थित टैक्सी पार्किंग मे फेक दिया जहाँ कुछ समय बाद घोड़े की मौत हो गयी। जब मयाली मे तिराहे पर लगे केमरे की फुटेज निकाली गयी तो उस फुटेज से साफ जाहिर होता है कि जड़धारी सेटरिंग नागणी टिहरी गढ़वाल जिस वाहन पर लिखा है उसी के द्वारा इस बेजुबान बिमार प्राणी को पार्किंग मे फेंक दिया गया। रात के समय घोड़े को गुलदार ने पीछे से नोच-नोचकर खा लिया और अब उस स्थान पर भारी दुर्गन्ध भी आने लगी है।
वाहन पर लिखे नंबर का पता नही चल रहा है।
मयाली मे स्थित वासुदेव टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष हरीश पुडींर, व्यापारी जितेंद्र बुटोला, कांग्रेस कमेटी के ब्लाक अध्यक्ष सुरेन्द्र सकलानी,सहित तमाम व्यापारियों का कहना है कि घोड़े खच्चरो के सहारे रोजी रोटी कमाने वाले और इसके बाद पशुओं के साथ इस प्रकार क्रूरुता पूर्ण व्यवहार करना शोभा नही देता है उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा यथाशीघ्र इस वाहन का पता लगाना चहिए दण्डात्मक कार्यवाही करनी चहिए

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