*केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को आपदा प्रबन्धन हेतु स्वीकृत किये 1480 करोड।*


*मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सहित केन्द्र सरकार का जताया आभार।*
*आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है उत्तराखण्ड।*
*आपदा राहत एवं बचाव कार्यो के साथ आपदा प्रबन्धन के प्रभाव को कम करने में इससे मिलेगी मदद-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को आपदा प्रबन्धन हेतु 1480 करोड की धनराशि स्वीकृत किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई इस धनराशि से राज्य में आपदा के समय आपदा राहत एवं बचाव कार्यो के साथ आपदा के प्रभाव को कम करने में इससे बडी मदद मिलेगी।
उत्तराखण्ड में आपदा प्रबन्धन को सृदृढ़ और रिस्पांस टाईम को कम करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा ₹1480 करोड़ की विश्व बैंक सहायतित परियोजना ‘‘उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एण्ड रेजीलियेंट प्रोजेक्ट (यू-प्रिपेयर)’’ स्वीकृत की गई है।
इस परियोजना के अन्तर्गत 45 सेतुओं, 8 सड़क सुरक्षात्मक उपाय, 10 आपदा आश्रय गृहों का निर्माण, 19 अग्निशमन केन्द्रों का निर्माण/सुदृढ़ीकरण, राज्य आपदा प्रतिवादन बल हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों का निर्माण के साथ-साथ वन विभाग के अन्तर्गत वनाग्नि नियंत्रण संबंधी कार्य किए जाएंगे।

ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन को सुदृढ एवं आपदा के समय रिस्पांस टाइम को कम करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा रू0 1480 करोड की विश्व बैंक सहायतित 05 वर्षीय परियोजना ‘‘उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एण्ड रेजीलियेंट (यू-प्रिपेयर)’’ स्वीकृत की गई है, जिसका ऋण हस्ताक्षर दिनांक 16 दिसम्बर, 2024 को केन्द्र सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं विश्व बैंक के मध्य किया गया। इस परियोजना के अन्तर्गत 45 सेतुओं, 08 सडक सुरक्षात्मक उपाय, 10 आपदा आश्रय गृहों का निर्माण, 19 अग्निशमन केन्द्रो का निर्माण/सुद्ढीकरण, राज्य आपदा प्रतिवादन बल हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों का निर्माण के साथ-साथ वन विभाग के अन्तर्गत वनाग्नि नियंत्रण संबंधी कार्य किये जाने है।