नीरज गोयल की रिपोर्ट
ऋषिकेश एम्स में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं वही राजस्थान के 600 लोगों को भर्ती करने वाला मामला अभी थमा भी नहीं था तब तक नया विवाद खड़ा हो गया आपको बता दें ऋषिकेश एम्स में कुछ डॉक्टरों की मिलीभगत से एम्स के बाहर गोरखधंधा चल रहा है जिससे मरीजों को समय रहते है जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है ।
बताया जा रहा है स्टेशनरी की कमी के चलते मरीजों को प्राइवेट लैब में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है वहीं ऋषिकेश एम्स के बाहर भारी मात्रा में एजेंट तैनात है और मरीजों को बहला-फुसलाकर सड़क पर ही सैंपल ले रहे है वहीं कई मरीजों ने आरोप लगाया है कि ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों की मिलीभगत के साथ आरोप लगाया लेकिन एम्स में इन आरोपों से अपना पल्ला झाड़ा सूत्रों से पता चला है कि इन दिनों ऋषिकेश एम्स में स्टेशनरी सहित तमाम सुविधाओं का टोटा चल रहा है। जिसके चलते मरीजों को जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। लोगों का कहना है कि टेस्ट करने के बाद मरीजों से स्टेशनरी लाने के लिए कहा जाता है। और इसके चलते कई दिन तक रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है ।लेकिन समय रहते टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। एम्स में तैनात डॉक्टर मरीजों से कहते हैं कि आप बाहर से टेस्ट करा लीजिए ,ऋषिकेश एम्स के बाहर भारी मात्रा में प्राइवेट लेब के एजेंट तैनात रहते हैं ।
जो मरीजों को बहला-फुसलाकर सड़क पर ही उनके सैंपल ले रहे हैं और दुगनी कितनी कीमत वसूल रहे हैं। स्थानीय लोगों की शिकायत पर जब हमारी टीम ऋषिकेश एम्स पहुंची तो देखा कि काफी मात्रा में एजेंट सड़क के किनारे खड़े होकर मरीजों से सैंपल ले रहे हैं और टेस्ट रिपोर्ट दे रहे हैं। हमारी टीम को देखते ही एजेंट भागने लगे ,मौके पर दो-तीन एजेंटों को पकड़ा गया तो उन्होंने कबूला कि ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों और स्टाफ की मिलीभगत से ही हम लोग यह कार्य कर रहे हैं। अंदर से डॉक्टरों के फोन आते हैं कि हम मरीज को बाहर भेज रहे हैं ।मरीज बाहर आते हैं। हम उनसे सैंपल लेते हैं और फिर अलग-अलग लैब में ले जाकर उनकी टेस्ट रिपोर्ट ला करके देते हैं।
जिस तरह ऋषिकेश एम्स के बाहर भारी मात्रा में एजेंट तैनात हैं और दुगनी कितनी कीमत वसूल रहे हैं। जिसके चलते दूरदराज के इलाकों से आने वाले मरीजों और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जब ऋषिकेश एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल से हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले के बारे में कुछ नहीं पता और यदि सड़क पर सैंपलिंग ली जा रही है तो यह गलत है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ,हमारे द्वारा जब उनसे पूछा गया कि लोगों का कहना है कि एम्स के डॉक्टरों और स्टाफ की मिलीभगत से ही यह कार्य किया जा रहा है। तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया और कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया ,पीआरओ एम्स हरीश थपलियाल ने बताया कि इस तरह से हमारे पास कोई भी सूचना नहीं है। यदि सूचना मिलती है। तो जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।