राजधानी देहरादून में चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत संरक्षक व गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को 2 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया । विदित हो कि उत्तराखंड सरकार ने इस यात्रा काल में चारों धामों में यात्रियों की संख्या सीमित की है । इसके अलावा ऑनलाइन पंजीकरण में स्थानीय लोगों को भी पंजीकरण अनिवार्य है। इसके विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने विगत दिनों मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव से भी वार्ता की थी। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पाया। जिससे नाराज चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और तीर्थाटन पर्यटन गतिविधि से कारोबारियों ने तय कार्यक्रम के अनुसार धरना प्रदर्शन किया। चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत महासचिव डॉक्टर बृजेश सती ने बताया कि अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर महापंचायत के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव डा एसएस संधू से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। डॉक्टर सती ने बताया कि मुख्य सचिव से आग्रह किया कि ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन व्यवस्था कराई जाए । इसके अलावा स्थानीय लोगों को पंजीकरण से बाहर रखा जाए। बताया कि मुख्य सचिव से यह भी निवेदन किया है कि चारों धाम में यात्रियों की संख्या सीमित करने का निर्णय अव्यावहारिक है। उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि इससे पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधि से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा । सरकार को इस निर्णय को वापस लेना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव निखिलेश सेमवाल, यमुनोत्री धाम के पुजारी अनुरूद उनियाल, बद्रीनाथ धाम के प्रशांत डिमरी शामिल रहे।