कुलदीप सिंह बिष्ट पौड़ी
उत्तराखण्ड प्रदेश को बने आज 22 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन पौड़ी में पलायन के कारण गांव के गांव अब वीरान हो रहे हैं यहां पलायन के कारण 500 से अधिक गांव पूरी तरह से वीरान हो चुके हैं जहां घरों की दहलीज सुनी और घरों के किवाड़ में अब सिर्फ ताले नजर आते हैं पलायन का मुख्य कारण पहाड़ो में स्वास्थ शिक्षा रोजगार रहा है जिस कारण गांव के गांव खाली होते चले गए।वहीँ राज्य स्थापना दिवस पर जनता खुद को ठगा महसूस कर रही हैं । यही कारण रहा कि आज स्थापना दिवस के अवसर पर पौड़ रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे प्रभारी मंत्री चंदन राम दास ने जब आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के लिए उन्हें मंच पर बुलाया तो इस दौरान महेंद्र अस्वाल ने सम्मान लेने से इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि इन 22 सालों में उत्तराखंड कि सिर्फ दुर्दशा हुई है और इस दुर्दशा के लिए सम्मान लेना शर्मनाक है वही
स्थानीय जनता का भी कहना है कि पृथक राज्य की मांग प्रदेश की दसा सुधर पाए इसलिये की गई थी लेकिन प्रदेश बनने के बाद कोई भी सरकार पहाड़ो में ऐसे संसाधन नही जुटा पाई जिससे पलायन रुक सके वहीँ अब जब गांव के गांव खाली हो गए तो जाकर अब सरकार का ध्यान अब केंद्रित हो रहा है, वहीँ राज्य स्थापना दिवस पर कई राज्य आंदोलनकारियों ने सम्मान लेने से भी इंकार कर दिया। पौड़ी में मना रहे पौड़ी जिले के प्रभारी मंत्री कहना है की जल्द पहाड़ो की दशा सुधरे इसके लिए सरकार गम्भीरता दिखाएगी।