कांग्रेस पार्टी में देश से लेकर प्रदेश तक जिला और ब्लॉक तक इससे बहू का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है वही आज कांग्रेस के कद्दावर नेता द्वारीखाल प्रमुख महेंद्र सिंह राणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है राणा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी मेरी लंबे समय से उपेक्षा कर रही है जिससे उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है रैबार पहाड़ को राणा ने बताया पार्टी ने हमेशा उपेक्षा की है जिससे लेकर वह अपना त्यागपत्र सोनिया गांधी- को को भेज रहे हैं, आपको बता दें महेंद्र सिंह राणा राणा ने कनिकाल प्रमुख रहते हुए कई ऐतिहासिक कार्य अपने क्षेत्र के लिए किए जिसकी बदौलत उन्हे पंचायती राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
श्रीमती सोनिया गांधी
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी 24 अकबर रोड़, नई दिल्ली
विषय: कांग्रेस पार्टी के सभी पदों तथा प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र बावत ।
महोदया,
मैं उत्तराखण्ड प्रदेश में विगत 25 वर्षों से लगातार कांग्रेस पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हूं तथा विगत 15 वर्षों से पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी संगठन को अपनी सेवायें देता आ रहा हूं। वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य तथा प्रदेश महामंत्री के रूप में तन-मन-धन से पार्टी संगठन की सेवा कर रहा हूं।
पार्टी में इतने लम्बे समय की सेवा के बाद मेरे द्वारा वर्ष 2017 एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाये जाने हेतु टिकट की दावेदारी की गई तथा मुझे पूरा विश्वास था कि पार्टी नेतृत्व मेरी लम्बी सेवा को देखते हुए मुझे उपकृत करेगा, परन्तु पार्टी संगठन द्वारा मेरी लम्बी सेवा के बावजूद मेरी लगातार उपेक्षा की गई।
वर्तमान में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस संगठन में जिस प्रकार गुटबाजी एवं पुराने कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा की जा रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी संगठन में निष्ठावान एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं की बजाय चाटुकारिता तथा भाई भतीजावाद को तरजीह दी जा रही है जिससे मेरे जैसे
निष्ठावान कार्यकर्ता आहत हैं।
कांग्रेस पार्टी में लम्बी संगठनात्मक सेवा के उपरान्त अपनी घोर उपेक्षा तथा पार्टी संगठन में चल रही गुटबाजी से आहत होकर मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों तथा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूँ।
भवदीय,
(महेन्द्र सिंह राणा) ब्लाक प्रमुख, द्वारीखाल पौड़ी गढ़वाल