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रंग कूची कु जादुगर, बेमिसाल चित्रकार-नरोत्तम पंवार आर्ट-अश्विनी गौड़ की कलम सी



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रंग कूची कु जादूगर,बेमिसाल चित्रकार-नरोत्तम आर्ट-
             रंगिळा बसंत कु रैबार,






                                               बेहतर कलाकार 
–                                                 ‘नरोत्तम पंवार’





लस्या पट्टी जखोली ब्लाॅक त्यूखर गौं का एक साधारण परिवार बटि निकल्यां नरोत्तम पंवार जी आम पहाड़ी की चार गौं मा ही रैन, कबारि हौळ लगौंणा बाद स्कूल गैन त कबारि धौंन मरड्यू बै जंगल छोडी।
पर सामणि बटि नगेला देवता कु आशीर्वाद अर ऐंच भद्वाणों का वीर नरसिंह कु छैल मिलणू रै

तबे त स्कूलीदिनों मा आम लड़का जख पेंसिल पकड़ी आम अनार केला दगडि जख साड़ी किनारा डिजाइन तक ही अपडि कलाकारी दिखौंणा रैन, तखि नरोत्तम पंवार आम अर साड़ी किनारों डिजाइन बटि चित्रकारी प्रतिभा दगडि एक खास शख्सियत की  तरफां पौछिगिन।

दिन-रात पेंसिल कागज दगडि रेखाचित्र बणौंदि बणौंदि आज एक स्तरीय चित्रकार का तौर पर सोशल साइट पर खूब चर्चित छिन।
बात कन मा मयाळा, सीदा-सच्चा नरोत्तम पंवार जी अपडि कूची रंग अर पेंसिल पकडि कैकी भी तस्वीर हूबहूं खींच द्यौंदा।
या प्रतिभा यखितै सीमित नी च, बहुआयामी प्रतिभा का धनी नरोत्तम पंवार जी एक बेहतरीन कलाकार भी छिन। बचपन बटि ही रामलीला, चक्रव्यूह मंचन मा सक्रिय रेतै भौत कुछ सीखिन अर चरितार्थ भी करी।

अपडै दम पर कै आॅडियो-वीडियो कैसेट निकालिन,
खानसोड़ का मेला पर गीत रिलीज करिन।
खुद की अलगै धुन शब्द गीत बणौंण का बाद भी डिजिटलाइजेशन यूटयूबीकरण का दौर मा रोजीरोटी का खातिर अपडि ईं कला तै अल्पविराम द्यौंण पड़ी! पर चित्रकारी की प्रतिभा भितरे-भितर घच्वन्नी रै।
टैम-बिटैम, सेकडों, पेंटिंग अर फोटो तस्वीर तैयार करलिन,  यौंमदि भौत सारी तस्वीर पहाड़ी संस्कृति,  पारंपरिक वेशभूषा की जीवंत तस्वीर छिन।
आज भी दिल्ली जन सैर मा रोजगार का बाद भी पारिवारिक टैम बटि टैम निकाली नरोत्तम पंवार जी आॅन डिमांड तस्वीर बणौंणा।
समाज मा सकारात्मक छवि तै उजागर कन वौळि शख्सियतों तै  भी नरोत्तम पंवार जी बसंती रंग द्यौंणा छिन।

जौंमदि- रूद्रप्रयाग जनपद का बहुचर्चित लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल जी ह्वोन या विश्व पर्यावरण चेतना की पुरोधा गौरा देवी, या सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर हर शख्सियत तै अपणि पेंसिल- कूची दगडि ससम्मान रंग द्यौंणा।
पर खेद अर चिंता कु विषय यु च कि! पहाड़ की यूं प्रतिभाओं तै स्या पछांण नि मिल सकी,जैका सि वाकई हकदार छिन।
फोटो-कैमरा से इतर अगर आप भी अपणा माँ-पिताजी, या दादा-दादी, बड़ा-बुजुर्गों या नौन्याळू तै कुछ भेंट द्यौंण चांदा, त आप ये बेहतर, ‘नवाचारी’ परमानेंट विकल्प पर विचार करा अर नरोत्तम जी से संपर्क करा।
नरोत्तम आर्ट का सजिळा मयाळा रंगों दगडि अपड़ों की तस्वीर खेंचा।

शाशन-प्रशासन स्तर पर  भी यन कलाकारी का नायाब हीरा तरांशण अर मंच द्यौंण की कवायद ह्वोंण चैंदि।
बात कन पर नरोत्तम जी न बथै फोटो बणौण मा मैनत दगड़ि रंग, पेस्ट, कागज लगण आम बात च, त मोल भाव पूछण पर बतौंदा कि एक तस्वीर कु मूल्य लगभग लगण वौळा खर्च का बरौबर ही 500 रूप्या ही रख्यूं च।
जबकि मैनत अर टैम भी लगदू, पर चित्रकारी का शौकीन नरोत्तम जी की नेक सोच पर कम से कम मूल्य पर सि, ये काम कना छिन।
 फ्येर त करा दुं संपर्क—
———+917045431594 नरोत्तम पँवार जी
त आप भी देखा, परखा, ईं बेहतरीन कलाकारी तै।
     ——-@अश्विनी गौड़ दानकोट रूद्रप्रयाग बटि——

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