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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खाते में गई एक और बडी ऐतिहासिक उपलब्धि

लगातार तीन साल मुख्यमंत्री रहने वाले पहले भाजपा नेता बने


अब तक भाजपा ने ताश के पत्तों की तरह बदले सीएम

त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

                            देहरादून-। गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा करके मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक मील का पत्थर स्थापित किया है। अब लगातार तीन साल मुख्यमंत्री रहने वाले पहले भाजपा नेता का तमगा भी उन्हें ही मिला है।

उत्तराखंड राज्य का निर्माण करने वाली भाजपा का इतिहास मुख्यमंत्रियों के बारे में अच्छा नहीं रहा है। गठन के बाद पहली अंतरिम सरकार बनी तो भाजपा ने स्व. नित्यानंद स्वामी को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन दस माह बाद ही उन्हें हटाकर भगत सिंह कोश्यारी को यह कुर्सी दे दी। लेकिन सत्ता में वापसी न हो सकी। 2007 में भाजपा के हाथ सत्ता आई तो बीसी खंडूड़ी को सीएम बनाया गया। लेकिन तीन साल भी पूरे नहीं हुए और उनकी जगह डा. रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बना दिया गया। लेकिन निशंक भी तीन साल पूरे कर पाते उससे पहले ही उन्हें हटाकर एक बार फिर से खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बना दिया गया।

2017 के चुनाव में भाजपा को उत्तराखंड की जनता से प्रचंड बहुमत दिया। इस बार भाजपा ने एक विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव खेला। हमेशा की तरह कुछ समय बाद ही त्रिवेंद्र को बदले जाने की चर्चाएं उठने लगी। कुछ समय पहले तो सोशल मीडिया में उनके हटने की पोस्ट खासी वायरल की गईं। सीएम खुद भी कहते रहे हैं कि उनके शपथ लेने के बाद से ही ऐसा चर्चाएं चलती रही हैं और वे अब इसके आदी हो गए हैं।

हटाए जाने की चर्चाओं के बीच ही त्रिवेंद्र ने भराड़ीसैंण में विस सत्र के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा करके सभी को अचंभित कर दिया। जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर भाजपा या कांग्रेस किसी की भी सरकार बीस सालों से कोई फैसला नहीं कर पा रही थी। इस घोषणा से त्रिवेंद्र ने सभी को पछाड़ सा दिया।

अब त्रिवेंद्र के नाम एक और उपलब्धि और भी दर्ज हो रही है। कल 18 मार्च को वे भाजपा के पहले ऐसा बन जाएंगे जो लगातार तीन साल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तमाम अंतरविरोध के बाद भी कायम है। गर करोना ने अपना असर न दिखाया होता तो उनकी इस उपलब्धि पर सूबेभर में जश्न मनाया जा रहा होता। इसकी पूरी तैयारियां भी कर ली गईं थीं।

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