(कारगिल के शहीदों को विजय दिवस पर शत शत नमन)


(वरिष्ठ पत्रकार संजय चौहान )
21 साल पहले आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना नें पाकिस्तान की सेना को खदेडकर कारगिल पर विजय पताका लहराया था। इसलिए आज के दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकारी आंकड़े के अनुसार कारगिल युद्ध में कुल 527 सैनिक शहीद हुए। 1363 लोग घायल हुए और एक सैनिक युद्धबंदी हुआ। भारतीय सेना का एक लड़ाकू विमान गिराया गया। एक लड़ाकू विमान क्रैश व एक हेलीकॉप्टर मार गिराया गया। जबकि पाकिस्तान की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान के 357-453 सैनिक मारे गए। वहां 665 से अधिक घायल हुए और आठ फौजी बंदी बने। 15 सौ करोड़ रुपये भारत को युद्द में गंवाने पड़े।

कारगिल युद्ध में दुश्मन को देश की सरहद से बाहर खदेड़ते हुए उत्तराखंड से सर्वाधिक सैनिक शहीद हुए। राज्य के 75 रणबांकुरे कारगिल युद्ध में शहीद हुए। राज्य के 30 सैनिकों को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता पदकों से अलंकृत किया गया। राज्य की कुमाऊं और गढ़वाल राइफल्स ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को मार भगाने में अहम योगदान दिया है। गढ़वाल राइफल्स के 54 सैनिक शहीद हुए थे। कारगिल युद्ध में भाग लेने वाली लगभग हर बटालियन में उत्तराखंड के बहादुर सैनिक शामिल थे। गढ़वाल राइफल के 54, नागा रेजिमेंट- 19, कुमाऊं रेजिमेंट- 12 पैरा रेजिमेंट- 9, गोरखा राइफल्स- 3, पांच विकास- 3, इंजीनियिरंग- 2, महार रेजिमेंट- 1, गार्डस रेजिमेंट- 1, आरआर- 1, राजपूताना राइफल्स- 1, एयरफोर्स- 1, जे एंड रेजिमेंट- 1, और लद्दाख स्काउट से 1 सैनिक शहीद हुये। जिनमें देहरादून के 14, अल्मोड़ा- 3, बागेश्वर- 3, चमोली- 7, लैंसडौन- 10, नैनीताल- 5, पौड़ी- 3, पिथौरागढ़- 4, रुद्रप्रयाग- 3, टिहरी- 11, उधम सिंह नगर- 2, और उत्तरकाशी से 1 सैनिक शामिल है।
कारगिल युद्ध में शहीद हुये सैनिक को शत शत नमन।