रिश्वतखोरी से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर की रीठी तहसील के बिलहरी इलाके में सोमवार को एक पटवारी 4500 रुपये की रिश्वत खा गया है। वैसे मध्य प्रदेश में पटवारियों के लिए रिश्वत खाना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन यहां मामला जरा दूसरा है। दरअसल, पटवारी ने चबाते हुए रिश्वत की पूरी रकम ही निगल ली। दरअसरल 24 जुलाई को लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने पटवारी गजेन्द्र सिंह को रिश्वत लेते दबोच लिया। जब तक लोकायुक्त टीम उसके कब्जे से रुपये जब्त कर पाती, पटवारी ने एक झटके में 500 के 9 नोट निगल लिए। लोकायुक्त टीम के एक सदस्य ने जब उसके मुंह से रुपये निकलवाने की कोशिश की तो पटवारी ने उसकी उंगली ही काट ली। इसके बाद पटवारी को जिला अस्पताल लाया गया, यहां टीम दो घंटे तक पटवारी के पेट से नोट निकलवाने का प्रयास करती रही। इतनी मशक्कत के बाद भी लोकायुक्त को रिश्वत के नोटों की जगह लुगदी ही हाथ लगी।
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लोकायुक्त निरीक्षक ने बताया कि बड़खेरा निवासी चंदन लोधी ने अपने दादा के नाम पर जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन किया था। पटवारी गजेन्द्र सिंह ने इस काम के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। चंदन लोधी ने जबलपुर में लोकायुक्त को मामले की लिखित शिकायत कर दी। सोमवार को पटवारी ने बिलहरी स्थित अपने निजी ऑफिस में जैसे ही रिश्वत की रकम ली, ट्रैप बिछाकर बैठी लोकायुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया। ये देख पटवारी ने रिश्वत की रकम खा ली। एक भी नोट लोकायुक्त के हाथ नहीं लगे। लोकायुक्त की टीम दंग रह गई। आनन-फानन में पटवारी को लेकर कटनी जिला चिकित्सालय पहुंची जहां डॉक्टर पटवारी के पेट से रिश्वत की राशि निकलवाने की कोशिश की। बाद में डॉक्टर बमुश्किल नोटों की लुगदी ही लोकायुक्त टीम को दे पाए। लोकायुक्त ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है।
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