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विकासखंड जखोली में सतत विकास लक्ष्यों पर प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन…

पंचायती राज विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों एवं विकासखंड और ग्राम स्तरीय रेखीय विभाग के कर्मियों का सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण विषय को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का विकासखंड जखोली में आज समापन हो गया है। जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों, वार्ड सदस्य, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी दी। इस प्रशिक्षण में सभी को सतत विकास लक्ष्यों की 9 थीम सहित 17 गोलों पर प्रशिक्षण दिया गया। सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण विषय को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 1 दिसंबर से शुरू होकर आज 29 दिसंबर को समाप्त हुआ। जखोली विकासखंड सभागार से प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया था।

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जिसके बाद सभी 9 न्याय पंचायत में पहुंचकर जन प्रतिनिधियों और कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें न्याय पंचायत बाज़ीरा, न्याय पंचायत पांजणा, न्याय पंचायत कोट बांगर, न्याय पंचायत सुमाड़ी, न्याय पंचायत सौंराखाल, न्याय पंचायत कण्डाली, न्याय पंचायत बस्टा बड़मा, न्याय पंचायत स्यूर बांगर, न्याय पंचायत जवाड़ी में दो-दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। पंचायती राज विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों एवं विकासखंड और ग्राम स्तरीय रेखीय विभाग के कर्मियों को 9 थीम जिनमें गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका गांव, स्वस्थ गांव, जल पर्याप्त गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, बाल हितैषी गांव, महिला हितैषी गांव, सुशासन युक्त गांव और आत्मनिर्भर और बुनियादी ढांचा युक्त गांव पर प्रशिक्षक सोहन मेहरा और सुदर्शन कैंतुरा ने लोगों को जमीनी उदाहरण के साथ समझाई, वहीं प्रशिक्षक जयदीप मेहरा ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति पर लोगों को जागरूक करते हुए प्रशिक्षण दिया।

प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन के बाद देहरादून से पहुंचे पंचायती राज के मास्टर ट्रेनर ने कहा कि जखोली विकासखंड में प्रशिक्षण देने में बहुत बढ़िया लगा। विभाग के जुड़े अधिकारियों विशेष कर एडीओ पंचायत दीपप्रकाश किमोठी का बहुत अच्छा सहयोग रहा साथ ही क्षेत्र के सभी पंचायत सचिवों और सभी जनप्रतिनिधयों सहित कार्मिकों का भी सहयोग मिला। जिस कारण बेहतर तरीके से प्रशिक्षण का समापन हो पाया। साथ ही सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कार्मिकों का कहना है कि एमके टैंट हाउस एंड कैटरिंग चिरबटिया द्वारा खानपान की बेहतर व्यवस्था रही।

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