जो तुम्हारी याद जगा दे वहि गुरु है आचार्य ममगांईं

 

 

तुम्हे सन्मार्ग पर लगाए अपने अहम और वहम से मिटा दे जितना समय आये वह व्यर्थ न जाये और अन्यो न्याश्रित संबंध का वर्णन करे व ही गुरू है यह बात आज भद्रकाली मंदिर मे श्री कृष्ण सेवा सदान द्वारा गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सदन के संस्थापक आचार्य शिव प्रसाद मामगईं जी और लड्डू गोपाल को शिष्यों के द्वारा पूजन वंदन हुआ सचालन देवेंद्र काला जी ने किया व्यवस्था पुष्कर कैंथोला राहुल सती विजय नलिन प्रधान ने करी वही अपने उद्बोधन मे आचार्य शिव प्रसाद ममगईं ने कहा गु का मतलब अंधेरा रु का अर्थ है प्रकाश अज्ञान अंधकार को मिटाने वाला गुरु होता है गुरु का सदकार्य व पुण्य किये कार्य का फल सब शिष्यों को प्राप्त होता है गुरु की निष्कामता मे शिष्यों से कुछ न लेने की बात अंधा जो होता है आँखे बंद वाला नही आत्मा के बाह्य शोक आदि लोभ आदि आवर्ण से व्यक्ति अंधा होता है आत्म दर्शन व लोभ मोह को जो दूर करे वही गुरु है महा व्रत धारी धैर्यवान स्वयं मे स्थिर रहने वाले धर्म का उपदेश करने वाले महात्मा गुरु होते है अपने आप को गुरु न मानते हुए शिष्यों के अंतर भाव को समझने पर ज्ञान देने वाला गुरु है माता पिता जन्म देते है वाह संसारिक गुरु है व आत्म शुद्धि का ज्ञान देने वाले आध्यात्मिक गुरु होते है शिष्य का अर्थ झुकना व गुरु का अर्थ श्रद्धा उत्पन्न करना सबके अंदर अपनत्व भाव जगाना हि गुरु है
आज विशेष रूप से रेंज़र् देवेंद्र काला आचार्य पुष्कर कैंथोला अध्यक्ष विद्वत सभा आचार्य विजेंद्र ममगांई आचार्य राहुल सति उपाध्यक्ष शिद्दत सभा आचार्य सत्य प्रसाद सेमवाल आचार्य वालमुन्द ममगांई अचार्य अभिषेक शुभम सेमवाल आयुष सेमवाल नलिन प्रधान विजय प्रधान जुगनू थापा लक्ष्मी बहुगुणा सरस्वती प्रधान बबली विश्वेश्वरी देवी अभिजीत नेगी अरुण अजय प्रधान चौहान सरोज़ नौटियाल कृष्णा कोठियाल बीना उनियाल सरस्वती प्रधान पूर्णिमा रघुवीर जयाड़ा गोविंद थापा आचार्य गोविंद आचार्य लीलाधर गौतम आचार्य जय प्रकाश गोदियाल कुसुम नेगी निर्मला गुसाई माला बंगवाल ममता गुसाई बीना तनेजा प्रेम तनेजा कमला नौटियाल सुषमा थपलियाल आचर्य दिवाकर भट्ट आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य आनंद पालीवाल तरुण सती आचर्य अंजलि अनिल चमोली यश बछेती दिपक उनियाल आचर्य अंकित भट्ट आदि भक्त गण उपस्तिथ रहे।।

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