प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व सलाहकार सुरेन्द्र कुमार ने भ्रष्टाचार व लोकायुक्त पर सरकार को घेरा, मुख्यमंत्री को बताया खनन प्रेमी व घोषणावीर बताते हुए जमकर हमला बोला है, कांग्रेस मुख्यालय में बलाई प्रेसवार्ता में उन्होने भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय द्वारा राज्य को लोकायुक्त की आवश्यकता नही है पर मुख्यमंत्री धामी से सवाल पूछा कि वो बतायें कि लोकायुक्त पर उनका क्या स्टेंण्ड है क्यो वो शिक्षा मंत्री के बयान से सहमत है, क्या 2017 विधानसभा चुनाव भाजपा के घोषणा पत्र में सरकार बनते ही लोकायुक्त देने वादा जनता के साथ धोखा था, क्या भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को रदद्ी के टोकरे में डाल दिया है या अपने घोटालेबाजों को बचाने के लिये किया जा रहा है। सबको याद है कि हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्यभवन भेजा गया लोकायुक्त कानून की अकाल हत्या राजभवन में की गई है। वहीं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व सलाहकार ने भाजपा के एक प्रवक्ता द्वारा कांग्रेस घोटालों की बात कहने पर उल्टा को भाजपा सरकार को कठघरें में खड़ा कर दिया है। उन्होने कहा कि विधानसभा के सत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष ने आपदा का हत्यारा किसे कहा था, सन ऑफ सरदार, पाली हाऊस घोटाला, जिस पर की भाजपा ने तीन दिन तक विधानसभा नही चलने दी थी वो कौन नेता लोग थे क्योकि जिन लोगों पर भाजपा नेताओं ने आरोप लगाये थे वों तो सब भाजपा को सुशोभित करने वाले नेता व मंत्री है व सरकार में विराजमान है आगे अपने हमले को तेज करते हुए उन्होने आरोप लगाया कि तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी को दिल्ली राष्ट्रपति भवन जाकर 419 घोटालों के आरोप भाजपा के मुख्यमंत्रियों व सरकार पर लगाने वाले भी अब भाजपा में ही विराजमान है। उन्होने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हमारे मित्रगण चाहेंगे तो वो 419 घोटालों की फेरिस्त उनको भेजा जा सकती है और चाहें तो सोशल मीडिया, टीवी चैनल व चौराहें पर दन घोटालों पर वो तैयार है। क्योंकि उनके केन्द्रीय गृहमंत्री भी चौराहे पर दो दो हाथ करना चाहते है। उन्होने राज्य स्थापना दिवस 9 नवम्बर को मुख्यमंत्री द्वारा कि गई घोषणाओं को हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाओं को नाम बदल कर घोषणा करने का आरोप भी लगाया है और कहा कि मुख्यमंत्री जी घोषणावीर हो गये है क्योंकि उन्हें पता ही नही कि जिन योजनाओं को अपना बता रहे है वो तो पहले से ही चल रही योजनायें है जिसमें मात्र नाम बदला गया है साथ ही उन्होने आन्दोलनकारी व अन्य पेंशन योजनाओं को अप्रयाप्त बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार आते ही इनको बढोत्तरी की जायेगी।