करपात्री जी जैसे संघर्षशील बनें संस्कृत छात्र

मुख्यमंत्री ने किया श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में वेदशास्त्र अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन

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उत्तराखंड की संस्कृत ज्ञान परंपरा का संवाहक बनेगा रघुनाथ कीर्ति परिसर

देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज वेदशास्त्र अनुसंधान केंद्र खुल गया। इसका उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। उन्होंने सनातन धर्म और गोरक्षा के लिए स्वामी करपात्री जी के योगदान और संघर्ष को याद करते हुए कहा कि ऐसे महान संत और समर्पित संन्यासियों के कारण धर्म की रक्षा होती है। बच्चों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि करपात्री जी के दृढ़संकल्प, संघर्षशीलता और धर्मप्रियता जैसे गुणों को जीवन में उतारें। उन्होंने कहा कि इस अनुसंधान केंद्र के खुलने से श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर का महत्त्व और बढ़ जाएगा। यह परिसर संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड में बड़ा नाम बन गया है और शिक्षा के लिए होने वाले पलायन पर रोक लगाने में यह काफी हद तक कामयाब हुआ है। इस परिसर के खुलने से पहाड़ के संस्कृत प्रेमी बच्चों वाराणसी, जयपुर, केरल आदि शहरो ंमें नहीं जाना पड़ता है। हमारी सरकार इस परिसर के विकास में यथासंभव योगदान देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट इस परिसर के छात्र नेट, पीएचडी आदि कोर्स करके खूब वृत्ति प्राप्त कर रहे हैं। यह परिसर उत्तराखंड की प्रमुख धरोहर बन गया है।
मौसम की खराबी के कारण मुख्यमंत्री के देवप्रयाग न आ पाने के कारण उन्हें वर्चुअल मोड मंे इस केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहां कि संस्कृति को जानने के लिए संस्कृत का ज्ञान होना आवश्यक है। अपनी संस्कृति के विषय में ज्ञान रखने वाला व्यक्ति ही जीवन मंे सर्वांगीण प्रगति कर पाता है। मेरा विश्वास है कि यह परिसर उत्तराखंड की संस्कृत ज्ञान परंपरा का संवाहक बनेगा।
मुख्यमंत्री समेत अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो0 श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का उद्देश्य संस्कृत को रोजगार से जोड़ना है। यह फॉमूला ही संस्कृत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक भी है। कुलपति ने कहा कि हम चाहते हैं कि श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवभूमि उत्तराखंड के वैभव और गौरव में और वृद्धि करे। इसके लिए हम सभी प्रयास कर रहे हैं। यह परिसर हमारे लक्ष्य के अनुकूल परिणाम देने लगा है।
स्वामी करपात्री जी के शिष्य स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने स्वामी करपात्री महाराज के धर्मरक्षा योगदान को महान बताते हुए कहा कि उनका प्रण था कि गाय के रक्त की एक बूंद भी भारत की धरती पर न गिरे। ऐसे महान के संत के नाम पर वेदशास्त्र अनुसंधान केंद्र खुलना श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के साथ ही सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है।
युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा स्वामी करपात्री जी महाराज जैसे महान संत ने सनातन धर्म रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। धर्म की रक्षा वे निर्भीकता से करते थे। धर्म उनके जीवन का प्राण था। जब तक वे जीवित रहे, धर्म की रक्षा के लिए लड़ते-भिड़ते रहे। श्री सिंह ने युवा शक्ति का आह्वान किया वे अपनी संस्कृति, परंपराओं और धर्म की रक्षा का कर्तव्य अवश्य निभायें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने देवप्रयाग परिसर में स्वामी जी के नाम पर वेदशास्त्र अनुसंधान केंद्र खोलकर उनके ऋण से उऋण होने का प्रयास किया है। धन्यवाद ज्ञापन करते निदेशक प्रो0 पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने किया। इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से ’नमामि गंगे’ अभियान की परियोजना ‘अर्थगंगा’ के लिए जलशक्ति मंत्रालय को गंगाजल भेजा गया। जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान, पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी, देवप्रयाग के विधायक विनोद कंडारी, कुलपति प्रो0 श्रीनिवास वरखेड़ी, स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, रोहित कुमार सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल आदि गण्यमान्य लोगों ने वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।