उत्तराखंड के नोन्यालों को नहीं मिल रही ब्वारी लड़कियों की हाई डिमांड देहरादून में प्लॉट मकान हो या नौकरी हो सरकारी

रैबार पहाड़ का:उत्तराखंड में पलायन इस बदस्तूर जारी है जिसका असर अब रिश्तो पर पड़ना भी शुरू हो गया है और कुछ जिलों में युवाओं को दुल्हन ढूंढने हुए भी नहीं मिल रही है क्योंकि अधिकतर रिश्ते पहाड़ों से देहरादून या श्रीनगर ऋषिकेश के लिए तय हो रहे हैं और युवा कुंवारापन का शिकार हो रहे हैं उसके बाद युवा shaadi.com पर अपने लिए रिश्तो की तलाश कर भी रहे हैं।

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लेकिन युवाओं को वहां भी निराशा हाथ लग रही है इसका सबसे बड़ा कारण पलायन माना जा रहा हैं जब हमने कुछ युवकों से बातचीत की तो उन्होंने अपनी दिल की पीड़ा हमें बया की युवकों ने कहना है पहले तो रिश्ता ढूंढे नहीं मिल रहा है लेकिन जो रिश्ता मिल रहे हैं उसमें लड़की। के घरवाले और लड़की की हाई डिमांड है। लड़की की पहली डिमांड कि। लड़का। सरकारी नौकरी वाला हो दूसरी गांव में नहीं रहूंगी तीसरी डिमांड देहरादून में मकान है प्लॉट होना चाहिए इस डिमांड की वजह से कई सैकड़ों युवा आज भी कुंवारा पन का शिकार हो रहे हैं(अविवाहित हैं) जो उत्तराखंड के लिए एक चिंतनीय विषय है।

ऐसा ही एक मामला अल्मोड़ा जिले से सामने आया है अल्मोड़ा का पंकज रुद्रपुर सिडकुल में नौकरी करता है और पंकज ने बताया कि उसकी शादी की बात चली तो दोनों फोटो देखने के बाद एक दूसरे को पसंद भी करने लग गए और उनकी बातचीत भी फोन पर होने लगी थी लेकिन देहरादून और हल्द्वानी में जमीन घर ना होने के चलते लड़की के घरवालों ने रिश्ता से इंकार कर दिया है। वहीं पौड़ी के कुछ युवाओं से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने भी इसी तरह की बात कबूली है लड़के ने नाम न छापने किस शर्त पर बताया कि वह किसी निजी कंपनी में इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और वह कई वर्षों से रिश्ते की तलाश में हैं लेकिन जब भी रिश्ते की बात होती हैं तो उसमें देहरादून में मकान या जमीन ना होने के कारण रिश्ता कैंसिल हो जाता है वही लड़की के मां-बाप और लड़की का कहना होता है कि मैं गांव में रहकर देहरादून ऋषिकेश में रहूंगी जिसकी वजह से कई रिश्ते कैंसिल हो रहे हैं और युवा इस बात को लेकर परेशान है।

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