उत्तराखंड के इस जिले में चुनाव बहिष्कार की आवाज बुलंद, निर्वाचन आयोग ने की ये तैयारी

अल्मोड़ा। चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व माना गया है। महापर्व में चुनाव आयोग व प्रशासन हर व्यक्ति को मताधिकार के लिए प्रेरित कर रहा है। वहीं इसी तरह के पर्वों पर ही मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे लोगों को अपनी परेशानी दूर करवाने का एक मौका मिलता है। लेकिन लोकतंत्र के इस महापर्व में इस बार अल्मोड़ा जिले से 15 गांवों से चुनाव बहिष्कार के स्वर सुनाई दे रहे हैं। पेयजल, सड़क जैसे मुद्दों को लेकर ग्रामीण पूर्व में चुनाव बहिष्कार का एलान कर चुके हैं। चुनाव आयोग इन गांवों के ग्रामीणों को मनाने में जुटा हुआ है। अधिकारी ग्रामीणों से वार्ता भी कर चुके हैं।

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नाराज ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

अल्मोड़ा जिले के कई गांव आज भी सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न समस्याओं का दंश झेल रहे हैं। इस चुनाव से पहले जिले के 15 गांवों के ग्रामीणों ने मूलभूत समस्याओं को लेकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार का एलान किया है। इसमें अधिकतर सड़क और पेयजल की समस्याओं से ग्रसित गांव हैं। ग्रामीणों ने पूर्व में जिला प्रशासन को चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी थी। अब चुनाव आयोग इन ग्रामीणों को मताधिकार का प्रयोग करने को मनाएगा। जिला प्रशासन ने 15 गांवों की सूची तैयार कर ली है।

नैनी और बासुलीसेरा के ग्रामीण करेंगे मतदान

2019 लोकसभा चुनाव में भी चुनाव बहिष्कार के स्वर तेजी से सुनाई दे रहे थे। कुछ गांवों के ग्रामीणों को तो प्रशासन मनाने में कामयाब रही। लेकिन जागेश्वर विधानसभा के नैणी, द्वाराहाट के बासुलीसेरा और कलोटा के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार कर दिया था। उन्होंने लोकतंत्र के महापर्व से खुद को दूर रखा। इधर इस बार प्रशासन ने बासुलीसेरा और नैणी जाकर ग्रामीणों से मतदान करने को लेकर लिखित लिया है। गांव के प्रतिनिधियों ने हर एक ग्रामीण से मताधिकार का प्रयोग करवाने को लिखित पत्र दिया है।

इन गांवों में दी जा चुकी है चेतावनी

सल्ट के 11 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने 28 किमी लंबे झीपा-टनौला-डबरा तक मोटरमार्ग पर डामरीकरण न करने पर रोष जताया है। ग्राम प्रधान मंजू देवी ने कहा कि डामरीकरण को लेकर ग्रामीण 13 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। भैंसियाछाना में हटोला के लोदिया गधेरे से कसार बैंड तक 10 किमी सड़क की मांग कर रहे हैं।

पेयजल और सड़क समस्या से जूझ रहे ग्रामीण 

हटोला के प्रधान धरम सिंह बिष्ट ने कहा कि सड़क नहीं बनी तो खुडयारी, बरगेटी, हटोला, पुनाइजर, कसाण, सुखाली और तलस्यारी के ग्रामीण चुनाव बहिष्कार करेंगे। वहीं दलमोटी, बलुटिया में चार किमी मोटरमार्ग नहीं बनने से आक्रोशित ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। सोमेश्वर विधानसभा के अंतर्गत खाइकट्टा और क्वैराला गांव में भी ग्रामीणों ने बीते दिनों पेयजल समस्या को लेकर चेतावनी दी थी।