रुद्रप्रयाग। लंबे समय का इंतजार आखिरकार खत्म होने वाला है। जल्द ही केदारनाथ हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने का काम शुरू होने जा रहा है। दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड व ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग से जोड़ने के लिए 902 मीटर लंबी सुरंग निर्माण के लिए खुदाई का कार्य इसी माह से शुरू हो जाएगा। अभी फिलहाल सुरंग की टेस्टिंग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा दोनों हाईवे को जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबा पुल भी बनना प्रस्तावित है।
बता दें कि बीते 20 सालों से रुद्रप्रयाग बाईपास निर्माण की कवायद चल रही है, लेकिन अब जाकर इसके द्वितीय चरण का कार्य शुरू हो पाया। इसके तहत लगभग 200 करोड़ की लगात से 900.30 मीटर लंबी सुरंग और अलकनंदा नदी पर पुल का निर्माण होना है।
तीर्थयात्रियों को मिलेगी जाम से राहत
टनल के निर्माण के बाद रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय वासियों को जाम की समस्या से मिल जायेगी। साथ ही केदारनाथ व बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सहूलियत मिलेगी और उनका काफी समय भी बचेगा। केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर जल्द ही कार्य शुरू होने जा रहा है, जिसका लाभ रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपद के साथ ही देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को मिलेगा। श्रद्धालुओं को धाम आने के लिए बाजार का लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
वर्ष 2003-2004 में प्रोजेक्ट को मिली थी स्वीकृति
गौरतलब हो कि वर्ष 2003-2004 में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रुद्रप्रयाग शहर की भौगोलिक परिस्थिति व जनता की मांग पर जवाड़ी बाईपास के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी, इसके तहत दो चरणों में कार्य पूरा होना था। प्रथम चरण में गुलाबराय से जवाड़ी होते हुए गौरीकुंड हाइवे पर बाईपास को जुड़ना था, जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जबकि दूसरे चरण में गौरीकुंड हाइवे पर लोनिवि रुद्रप्रयाग खंड कार्यालय के पास से रुद्रप्रयाग चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी के निकट तक 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है और अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबा पुल का निर्माण कर इसे बद्रीनाथ हाइवे से जुड़ना है। तत्कालीन केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री भुवनचन्द्र खण्डूडी ने अपने कार्यकाल में इस महत्वकांझी योजना का वर्ष 2003 में स्वीकृति प्रदान की थी।