मैं जोशीमठ बेबस अर लाचार, विकास की अंधी दौड़ न मेरी जुकड़ी मा पडीगिन दरार, मेरू अस्तित्व बचैल्या सरकार, मेरा शहर का लोगों मा मच्यू हाहाकार, युवा कवि दीपक कैन्तुरा की कविता,सुने पूरी कविता


आप सभी सुणधारों तैं दीपक कैन्तुरा कु प्यार भरु नमस्कार ,आज मैं आपका सामणी एक कविता का माध्यम सी जोशीमठ का दगड़ी जोशीमठ का लोगों की पीड़ा अर क्या हालत च यख लोग घर बार छ्विणक तैं मजबूर च अर ह्योंद की रात्यों अपणा घरवार छोड़िक सड़क्यों मा रेंणक मजबूर च येकु दोष च बेतरकीब विकास लेकिन सवाल तब उठदू जब1976 मा तत्कालीन गढ़वाल कमीश्नर की एसपी मिश्रा वाली समितिन वाली एक सर्वे रिपोर्ट दिनी जैमा साफ लिख्ये गी थो की जोशीमठ पर भूस्खलन कु खतरा च लेकिन कैन गंभीर नी लिनी,जैकू परिणाम आज यू च हम प्रकृति का हिसाब सी नी चना हम प्रकृति तैं अपणा हिसाब सी चलोंणा च।

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दीपक कैतुरा,युवा कवि

हम तैं यनु विकास नी चैंणुच
जैन पहाड़ बिना बरखा पाणीन रैंणू च
धरती दगड़ी दिखोंणा सिनाजोरी
तैकू असर यूही दिखेंणूच
हम तैं यनू विकास नी चैंणू च।


मनख्यो सी गलती ह्वे होली या धरती ह्वेगियाई हम सी हट
भगवान नरसिंह की थात शंकराचार्य की तपस्थली खतरा मा च आज जोशीमठ
कखी हमारा अस्तित्व तैं खतरा ना बणि जो या विकास की अंधी हट
आज धण-धणम अफूवे मा रोणू च जोशीमठ


क्वीं मैं तैं बचे सकदू त बचैल्या
मेरा घौ पर क्वीं महरम लगै सकदू त लगैल्या
मेरा अस्तित्व बचौणकू अखंड द्यू मिलिक जगैल्या
मेरी छाती चीरी जू डैम बेणा च यूं पर रोक लगे सकदा त लगैल्या
में लाचार बेबस जोशीमठ ब्वनू छों मेरू अस्तित्व बचैल्या


बिना बरखा पाणी मेरी जुकडी मा पड़ीगिन दरार
आज मेरी जुकडी मा यना चीरा नी लगदा जब माणी जांदी थोड़ा सरकार
सैत नी पडदी मेरी जुकडी मा यनि दरार
आज खून पसीना सी सींची कूड़ी बाड़ी छोड़णक मजबूर च कै परिवार
मेरू इतिहास भूगोल मेरू अस्तित्व बचैल्या सरकार


क्या गोरा देवी कू भी दोष होणू होलू
जैं गोरा की धरतीमा बुल्डोजर गरजणा बड़ा बड़ा विस्फोट होणा वें गोरा देवी कू पराण जरु रोणू होलू
जै गोरा न दुनिया तैं डाली बोरदी बचूणकू संदेश दिनी
तैं गोरा तैं क्या पता की तैंकी जन्मभूमि मा क्या अन्यो होणू होलू
जब विकास का नौं पर धरती मा लगणा होला चीरा, तैं गोरा कू प्राण जरूर रोणू होलू
देखणी होली गोरा मेरी जन्मभूमि मा क्या अन्यो होणू होलू
मेरा आंसू क्वी थामी सकदू त थामी ल्या
सरकार मेरू अस्तित्व बचै सकदी त बचै ल्या


यखी शंकराचार्य न तप करी यखी भगवान नरसिंह की थात च
यखी विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी तैं बाटू जांदू यखी भगवान बद्रीनाथ च
धर्म संस्कृति कत्यूरी वंश की राजधानी रै संस्कृति इतिहास मेरा रग रग मा बस्यू यख की कुछ अलग बात च
नंदा कु मैत जख गोरा की थात च
में जोशीमठ ब्वनू छो ,अब मैते बचैल्या या जिम्मेदारी तुम्हारा हाथ च


मेरा शहर का लोगों का माथा पर आज चिता की लकीर च सी बेबस अर लाचार च
किलेकी तोकी सैंती पाली कुडियो पर पड़ी दरार च
ह्योदा का मैना की रात सडक्यो मा मजबूर रेणक तौकू परिवार च
आज नरसिंह भगवान भी लाचार च
बिना बरखा पाणी पैणी दरार च
येकू दोष बेतरकीब विकास हम अर सरकार च


समै समै पर मैं पर आफत आई
लेकिन मेरी पीड़ा कैन नी चिताई
तबार समै पर नी दिनी कैन मैने दवाई
लेकिन जब में वेंटिलेटर पर दम त्वीणू छो तब यूं होस आई
आज यना हाल नी होंदा समै पर देंदा दवाई
आज जब में बिना बरखा पाणी उजीणू छो तब यूं पर आफत आई


समै समै पर मैं पर खतरा मडराणी
लेकिन यून मजाक माणी
2013 रैणी आपदा सी भी नी चेतेणी
यूंन मेरू तकलीफ नी जाणी
पैलिये ह्वे जांदा सत्ता का लोग गंभीर
आज नी पडदी मेरी छाती मा यनी लकीर


आज मेरा शहर का लोगों तैं नी ओणू में छ्वेणकू सांसू
मेरी जूकडी मा दरार देखी धण-मण छूटणा तोंका आसू
आज तोकू प्राण होणू क्वासू
अपणी चौक तिबारी छज्जा डडियाली की याद मा बगाणा आसू
मेरा अस्तित्व बचोणकू सरकार करदी सांसू
आज छूटिगिन कूड़ी पुंगड़ी बस हम रैग्या आंसू

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