Big breaking: उत्तराखंड सूचना उपनिदेशक ने पत्रकार को भेजा मानहानि का एक करोड़ का नोटिस, तो पत्रकार ने भी रखी अपनी बात: ये है पूरा मामला

देहरादून: उपनिदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, देहरादून मनोज कुमार श्रीवास्तव ने आलोक शर्मा को अपने You Tube Face Book व News Portal के माध्यम से अपहानि पहुंचाने के उददेश्य से समाचार प्रेषित किये जाने पर रू 1,00,00,000/- (एक करोड रुपये) मानहानि का भेजा नोटिस

electronics

अधिवक्ता के. के. गोयल द्वारा आलोक शर्मा को नोटिस भेजा गया कि “अपने व्यवहारी श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव, उपनिदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, सूचना भवन, रिंग रोड, लाडपुर, देहरादून की ओर से आपको निम्न सूचना पत्र प्रेषित करता हूं”-

  1. यह कि मेरा व्यवहारी प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी है व उनका उनके विभाग एवं समाज में काफी मान-सम्मान व प्रतिष्ठा है।
    Big breaking :-अब हरक सिंह रावत क़ो पार्टी आलाकमान ने सौपी बड़ी जिम्मेदारी
  2. यह कि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा सोशल मीडिया

हेतु न्यूज पोर्टल / वेबसाईटो को विज्ञापन हेतु सूचीबृद्ध किये

जाने के लिए ई-टेन्डर के माध्यम से निविदा प्रस्ताव आमन्त्रित

किये गये थे, जिसमें आप नोटिसी के पोर्टल श्रमिक मंत्र

www.shramikmantr.com का तकनीकी रूप से असफल

पाया गया, जिसकी सूचना समय से आपको प्रेषित कर दी गयी

थी।

  1. यह कि आप नोटिसी के पोर्टल श्रमिक मंत्र www.shramikmantr.com को तकनीकी रूप से विभाग द्वारा असफल पाये जाने पर आप मेरे व्यवहारी के प्रति व सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के प्रति वैमनस्य भाव रखने लगे।
  2. यह कि मेरे व्यवहारी के प्रति वैमनस्य भाव के कारण आपने मेरे व्यवहारी की ख्याति की अपहानि कारित करने के उददेश्य से मेरे व्यवहारी के प्रति सार्वजनिक रूप से मेरे व्यवहाटी के कई परिचित व्यक्तियों को मेरे व्यवहारी के विरुद्ध डॉक्यूमेन्ट्री के नाम पर 5 करोड़ 90 लाख रुपये की लूट खसोट आदि के नितान्त असत्य आटोप बोले गये तथा मौखिक रूप से मेरे व्यवहारी के विरुद्ध उसके परिचितो को उपरोक्त असत्य आरोप बोले जाने से अतिरिक्त आप द्वारा अपने You Tube, Face Book व News Portal के माध्यम से भी मेरे व्यवहारी व उसके विभाग के विरुद्ध सूचना उप निदेशक श्रीवास्तव ने अपने एक किसी खास चहेते को पिक एंड चूज के आधार” तथा “देखिये आखिर कैसे झूठ बोले फंस गये, सूचना उपनिदेशक श्रीवास्तव ” शीर्षक के तहत मेरे व्यवहारी व उसके विभाग के विरुद्ध अपने वैमनस्य भाव के कारण मेरे व्यवहारी की ख्याति को अपहानि पहुंचाने के उददेश्य से समाचार प्रेषित किये जा रहे है।
  3. यह कि यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि आप द्वारा मेरे व्यवहारी व उसके विभाग के विरुद्ध जो झूठे व अपमानजनक आरोप / लांछन मेरे व्यवहारी के परिचितों को बोले गये व अपने You Tube, Face Book व News Portal के माध्यम से प्रसारित किये गये वे नितान्त असत्य है व आप स्वयं को भी उपरोक्त आटोपो / लांछनो के मिथ्या होने का पूर्ण ज्ञान था तथा उसके बावजूद भी आप द्वारा मेरे व्यवहारी के विरुद्ध आरोप / लांछन, यह जानते हुए लगाये गये कि ऐसे आरोपो से मेरे व्यवहारी की ख्याति की अपहानि होगी व मेरे व्यवहारी की प्रतिष्ठा प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी।
  4. यह कि यह भी उल्लेखनीय है कि मेरे व्यवहारी से बिना सम्पर्क किये व बिना उनका पक्ष जाने व बिना उनका पक्ष रखे आप द्वारा मेरे व्यवहारी के विरुद्ध नितान्त असत्य व अपमानजनक आटोप मेरे व्यवहारी के परिचितो को बोले गये व अपने You Tube, Face Book व News Portal के माध्यम से प्रसारित किये गये व आपका उक्त कुकृत्य पत्रकारिता के मूल सिद्धान्तो (Basic Principles) के विरुद्ध भी है।
  5. यह कि आप द्वारा मेरे व्यवहारी के प्रति सार्वजनिक रूप से बोले गये व सार्वजनिक रूप से लगाये गये आटोपो / लांछनो की मेरे व्यवहारी की इज्जत, उनके परिचितो, उनके समाज, मित्रो व विभाग के मध्य काफी चर्चा हुई और मेरे व्यवहारी के परिचितो, समाज, मित्रोव विभाग की नजरो में मेरे व्यवहारी की इज्जत काफी गिर गयी।
  6. यह कि आप द्वारा मेरे व्यवहारी के विरुद्ध बिना किसी आधार प्रसारित किये गये झूठे आरोपो/ लांछनो में कही आप द्वारा मेरे व्यवहारी को सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग का “संयुक्त निदेशक कहकर व कही “उपनिदेशक ” कहकर सम्बोधित किया जा रहा है।
  7. यह कि आप नोटिसी का उपरोक्त कुकृत्य अन्तर्गत धारा 500 आई०पी०सी० एक गम्भीर व दो वर्ष की सश्रम कारावास व आर्थिक दण्ड से दण्डनीय अपराध है।
  8. यह कि यद्यपि आप नोटिसी के द्वारा उपरोक्त प्रकार से मेरे व्यवहारी के विरुद्ध लगाये गये झूठे आरोपो / लांछनो के कारण मेरे व्यवहारी की ख्याति की जो आपहानि हुई है व मेरे व्यवहारी की प्रतिष्ठा उसके रिश्तेदारो, परिचतो, जानकारो व समाज में गिरी है, यद्वपि उसका मूल्यांकन धन से सम्भव नही है तथापि उसका मूल्यांकन मेरे व्यवहारी अंकन रुपये 1,00,00,000/- (एक कटोड रुपये) पर करता है।

अतः मेरे व्यवहारी आपसे अपेक्षा करता है कि आप पर इस सूचनापत्र की आप पर तामीली की तिथि से 07 दिन की अवधि के भीतर मेरे व्यवहारी के विरुद्ध लगाये गये झूठे आटोपो / लांछनो के कारण मेरे व्यवहारी की ख्याति की जो आपहानि हुई है उसका मूल्य अंकन रुपये 1,00,00,000/- (एक करोड रुपये) मेरे व्यवहारी को अदा कर उसकी रसीद प्राप्त कर ले तथा आप द्वारा मेरे व्यवहारी के विरुद्ध लगाये गये असत्य व अपमानजनक आटोपो / लांछनो को वापस लेते हुए बिना किसी शर्त, लिखित में क्षमा याचना करे, आपके द्वारा ऐसा न किये जाने पर मेरे व्यवहारी आपके विरुद्ध अपने दीवानी अधिकाटो को सुरक्षित रखते हुए, आप नोटिसी के विरुद्ध सक्षम दाण्डिक न्यायालय में कानूनी कार्यवाही अमल में लायेगे, जिसके समस्त हर्जे खर्चे का दायित्व आप नोटिसी पर होगा।

वही पत्रकार आलोक शर्मा ने क्या कहा……

उनके अनुसार सूचना उप निदेशक मनोज श्रीवास्तव द्वारा डेढ़ करोड़ की मानहानि का नोटिस देना पत्रकारिता को डराने व सच्चाई को उजागर करने से भयभीत जैसा प्रतीत होता है। जबकि श्रीवास्तव के द्वारा नोटिस में यह बताया गया है कि श्रमिक मंत्र ने न्यूज़ चलाने से पहले उपनिदेशक से मोबाइल फ़ोन पर उन्होंने कुंभ में डोक्युमेंट्री के नाम पर 6 लाख रूपये नहीं दिए जाने की बात कही है। जबकि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार सूचना ने सिर्फ दो लोगो में एक को 6 लाख और दूसरे को 3 लाख रूपये दिए गए हैं। बाबजूद भी एक पत्रकार को उसे अपने पत्रकारिता से रोकने और बदले की भावना से नोटिस भेजना न्याय संगति नहीं है।