संस्कार से भरा व्यक्ति दुसरे को सम्मान देकर खुश होता है: आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं


संस्कार भारतियों की सम्पत्ति है संस्कार उसे कहते जो स्वयं बढे और दुसरे को भी आगे बढ़ाएं संस्कार हमारी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का आधार स्तंभ हैं।अहंकारी लोग अपना ढिंढोरा खुद पीटना पसंद करते हैं।किसी का अहंकार उसकी अपनी महत्ता का बोध होता है। अहंकार से भरा व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाकर खुश होता है।संस्कार से भरा व्यक्ति स्वयं झुककर दूसरों को सम्मान देकर खुश होता है
यह बातें यूको सिटी 1 के एक ग्राउंड। में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के दुसरे दिन ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यास पीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी नें कथा के माध्यम से गौ गंगा गौरी रक्षा का सन्देश देते कहा कि हमारा मन
वह मन और इंद्रियों से परे, निर्मल, विनाश रहित, निर्विकार, सीमारहित और सुख की राशि है। वेद ऐसा गाते हैं कि वही तू है, (तत्वमसि), जल और जल की लहर की भांति उसमें और तुझमें कोई भेद नहीं है
ईश्वर न तो दूर है और न अत्यंत दुर्लभ ही है, बोध स्वरूप एकरस अपना आत्मा ही परमेश्वर है, नाम और रूप विभिन्न दिखते हैं, आचार्य ममगांई जी कहते हैं
धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है, उसे श्रेष्ठ तरीक़े से बताने वाला उससे भी दुर्लभ, श्रद्धा से सुनने वाला उससे दुर्लभ, और धर्म का आचरण करने वाला सुबुद्धि मान से दुर्लभ है, भगवान् व्यवस्था नहीं जीवन की अवस्था देखते हैं, वो व्याकुलता देखते हैं, भगवान् के लिये तड़प चाहिये,
आज पूजन अर्चना में अभिनदंन शर्मा, सीमा शर्मा , हेमानी, धान्या, और राजेश सिंगला अनु सिंगला सिरिल सिंगला तथा केवल कृष्ण गोयल प्रवीण लता रीतेश गोयल रश्मि गोयल कनव गोयल जसिक गोयल और रमाकान्त जुगरान , दीपक जुगरान , अंकिता जुगरान आशीष जुगरान अन्नु जुगरान , अनिरुद्ध, एशनावी, अंश जुगरान और महेंद्र भंडारी कृष्णा देवी राजेश भण्डारी सोनिया भंडारी जितेंद्र भंडारी राधा भंडारी युवराज, अर्जुन, नंदिनी भंडारी और अजय चौहान अरुण चौहान प्रेमसिंह पयाल ओमप्रकाश डंगवाल सरिता डंगवाल राकेश रतूड़ी मंजू रतूड़ी आचार्य प्रदीप नौटियाल, आचार्य संदीप बहुगुणा , आचार्य हिमांशु मैठाणी आचार्य अजय मिश्रा अनूप भट्ट जी सुरेश जोशी जी

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