भयादूज(यमद्वितीया) इसलिए मनाया जाता है ,संज्ञा और सूर्य के पुत्र, यमराज जी अपनी बहन यमुना के घर खाना खाने जाते हैं और सूर्य पुत्री यमुना अपने भाई यमराज जी को टिका करती और भोजन खिलाती हैं उन्ही के अनुकरण के अनुसार सनातनियों का यह परिवारिक पर्व है इस दिन जो भाई बहन के घर जाकर पूजनादि के बाद बहन के द्वार तिलक करवाते हैं उनपर यमराज प्रसन्न होकर दिर्घायु का आर्शीवाद देते हैं ,तथा अल्पमरण कष्टों से बचाते हैं तथा इस अवसर पर भाई बहन के परिवार में क्या स्थिति है इसका परिचय प्राप्त करते हैं यह भी एक नियम है और उसके सुख-दुख को पूछते हैं और अपनी सामर्थ्य के अनुसार भेंट देकर भातृस्नेह को दृढ़ करते हैं भैयादूज हमारे परिवारों के संगठन की एक सुदृढ़ कड़ी है । यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है इस वर्ष यम द्वितीया का प्रारम्भ 2 नवम्बर 2024 रात्री 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रही है जो 3 नवम्बर 2024 रात्री 10 बजकर 4 मिनट तक है इसका शुभ मुहूर्त टिका करने व नारियल आर्शीवाद देने का 11 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट का समय धनु और मकार लग्न मे है जोकि सर्वोत्तम रहेगा शिव पार्वती यम पूजनोपरान्त बहन भाई को तिलक करें इस दिन यमुना में स्नान दान करने से ग्रहादि दोष मिट जाते आरोग्य की प्राप्ति होती है आप सभी को रैवार पहाड़ की तरफ से और मेरी तरफ से भी बहुत बहुत बधाई। ।
आचार्य शिव प्रसाद ममगांई ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत