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बड़ी खबर:सचिवालय में समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सोंपी रिपोर्ट, राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने की UCC लागू करने की घोषणा

 

बड़ी खबर:सचिवालय में समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सोंपी रिपोर्ट, राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने की UCC लागू करने की घोषणा

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समान नागरिक संहिता के लिए बनी समिति ने नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को सौंपा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर UCC लागू करने की है घोषणा

देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड-सीएम

सरकार अब नियमावली का अध्यन्न करेगी-सीएम

 

उत्तराखंड में Uniform Civil Code लागू करने की दिशा में बढ़ा एक और कदम, आज नियमावली का प्रारूप कमेटी ने सीएम धामी को सौंपा

Uniform Civil Code उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की राह प्रशस्त नियमावली का प्रारूप आज समिति ने सौंपा। सरकार प्रारूप का अध्ययन करने के बाद इसे अंतिम रूप देगी। समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि समिति के पास प्रकाशित प्रारूप आ चुका है। नियमावली के प्रविधानों के अनुसार मोबाइल एप भी तैयार किया गया है।

*प्रारूप का अध्ययन करने के बाद अंतिम रूप देगी सरकार*

दो साल और पांच माह के इंतजार के बाद अब प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की राह प्रशस्त हो गई है। समान नागरिक संहिता की नियमावली तैयार करने वाली समिति शुक्रवार को इसका प्रारूप मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा।

सरकार प्रारूप का अध्ययन करने के बाद इसे अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट में प्रस्तुत करेगी। कैबिनेट से पारित होने के पश्चात नियमावली अस्तित्व में आ जाएगी। मुख्यमंत्री धामी कह चुके हैं कि राज्य स्थापना दिवस तक समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर दिया जाएगा।

समिति ने दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपा था ड्राफ्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव में किए गए वादे को पूरा करते हुए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता का प्रारूप बनाने के लिए समिति का गठन किया। समिति ने दो फरवरी 2024 को इसका ड्राफ्ट सरकार को सौंपा।

इसके बाद सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर समान नागरिक संहिता विधेयक को सदन से पारित कराया। 11 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इसे मंजूरी प्रदान कर दी। इस अधिनियम को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसने नियमावली पर कार्य शुरू किया।

*वेबसाइट और मोबाइल एप लगभग बनकर तैयार*

प्रस्तावित नियमावली में विवाह का पंजीकरण, लिव इन की सूचना और वसीयत आदि की जानकारी समान नागरिक संहिता की वेबसाइट और मोबाइल एप के माध्यम से भी दर्ज किया जाना प्रस्तावित है।वेबसाइट और मोबाइल एप लगभग बनकर तैयार हो चुके हैं। इन्हें प्रस्तावित नियमावली के अनुसार बनाया गया है। सरकार यदि नियमावली में कोई बदलाव करती है तो फिर इसमें भी बदलाव करने होंगे

समिति ने इसी सात अक्टूबर को प्रारूप को अंतिम रूप देते हुए इसे प्रकाशन को भेजा था। अब यह प्रारूप बनकर आ चुका है। समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि समिति के पास प्रकाशित प्रारूप आ चुका है। इसे शुक्रवार को सरकार को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोशिश की गई है कि नियमावली आम नागरिक के लिए सुलभ व सरल हो।

 

राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।

• विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किये गये ड्राफ्ट को दिनांक 7 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा में पारित किया गया।

• उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति उपरान्त दिनांक 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ।

• उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 के नियमावली एवं क्रियान्वयन बनाये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत श्री शत्रुघ्न सिंह, सेवानिवृत्त आई०ए०एस० की अध्यक्षता में नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति गठित की गई है।

• राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जाना प्रस्तावित है।

• नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा नियमावली हिन्दी एवं अग्रेंजी दोनों संस्करणों में आज दिनांक 18 अक्टूबर, 2024 को राज्य सरकार को हस्तगत की जा रही है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन-रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्य पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है।

• जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस हेतु एक पोर्टल तथा Mobile App भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाईन माध्यम से सुलभ हो सके।