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टूटा रिकॉर्ड: उत्तराखंड में 24 घंटे में रिकॉर्ड 54 बार जंगल जले,

देहरादून। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में 54 स्थानों पर जंगलों में आगे की घटनाएं सामने आई हैं। वन विभाग की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं। अब तक वनाग्नि की 544 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वन विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, बीते 24 घंटे में गढ़वाल में सात, कुमाऊं में 45 और दो वन्यजीव क्षेत्रों में आग की घटनाएं सामने आईं। इनसे 75.18 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं। वन विभाग आग बुझाने के प्रयासों में जुटा है। 

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बता दें कि बीते रोज उत्तराखंड के वनों में आग लगने की 54 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जो इस फायर सीजन में सबसे ज्यादा है। इसी का नतीजा है कि राजधानी समेत प्रदेश के तमाम मैदानी जिलों में अधिकतम तापमान कई जगह 36 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंचा है। यानी अब आने वाले दिन वन विभाग के लिए वनाग्नि को लेकर आसान नहीं हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार,  नवंबर 2023 से 25 अप्रैल 2024 तक प्रदेशभर में कुल 544 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। इससे कुल 656.55 हेक्टर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. क्षति की बात करें तो कुल 14, 02, 331 रुपयों की आर्थिक नुकसान हुआ है। इन घटनाओं में दो व्यक्तियों के घायल होने की सूचना है।

हिमालय पर कार्बन की परत से खतरा 

उत्तराखंड में जंगलों की आग न केवल वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि इससे निकल रहा धुआं वायुमंडल पर भी प्रतिकूल असर डाल रहा है। स्थिति ये है कि हिमालय में बर्फ की सफेद चादर पर कार्बन की परत नए खतरे का एहसास करा रही है। शायद इसीलिए वनाग्नि से होने वाले कार्बन उत्सर्जन पर वन महकमा अध्ययन कर विस्तृत जानकारी जुटाने में लगा हुआ है, हालांकि इस बीच पुराने कुछ अध्ययन जंगलों की आग के दौरान ब्लैक कार्बन के कई गुना बढ़ने के संकेत दे चुके हैं।