देहरादून एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट उतारने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। यदि सब ठीक रहा तो आगामी कुछ समय बाद जौलीग्रांट में छोटे विमानों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जा सकती हैं। देहरादून एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की कवायद करीब चार साल पहले शुरू की गई थी।
प्रस्ताव का हुआ था विरोध
बता दें कि 2024 में एयरपोर्ट प्रशासन ने थानो वन रेंज की 243 हेक्टेयर वन भूमि से संबंधित एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। तब इस प्रस्ताव का तमाम संगठनों ने विरोध किया था। इसके लगभग दो साल बाद जौलीग्रांट मुख्य बाजार से लेकर दुर्गा चौक तक तहसील प्रशासन ने भूमि की नाप जोख भी की थी। इसका भी विरोध हुआ था। यह दोनों कवायद तब से आगे नहीं बढ़ पाई हैं।
देहरादून एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में किया जाएगा तब्दील
अब प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट प्रशासन मौजूदा रनवे और सं साधनों के साथ ही देहरादून एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यदि यह योजना सफल हुई तो जल्द ही देहरादून में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही का रास्ता साफ हो जाएगा। इसके लिए एयरपोर्ट का बिना विस्तार किए ही मौजूदा संसाधनों के साथ छोटी फ्लाइटों से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की शुरुआत की योजना बनाई जा रही है। वहीं प्रदेश सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध कराने पर एयरपोर्ट रनवे और अन्य सुविधाओं का भी विस्तार कर बड़ी फ्लाइटें उतारी जाएंगी। जिसके लिए एयरपोर्ट प्रशासन और राज्य सरकार प्रयासरत है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ समय में मौजूदा संसाधनों के साथ ही देहरादून एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में तब्दील कर दिया जाएगा।
काठमांडू से फ्लाइट हो सकती है शुरू
देहरादून एयरपोर्ट पर सबसे पहले काठमांडू की फ्लाइट को शुरू किया जा सकता है। पड़ोसी देश होने के साथ ही यहां से छोटी फ्लाइट को शुरू करना काफी आसान माना जा रहा है। खराब मौसम में कई बार आपात स्थिति होने पर नेपाल और दूसरे देशों की छोटी फ्लाइटें दून एयरपोर्ट पर लैंड हो चुकी हैं। वर्तमान में देहरादून में एयरबस 320 तक के एयरक्राफ्ट आराम से लैंड होते हैं।
दोनों तरफ से लैंडिंग को चाहिए बड़ा रनवे
2006-07 से पहले जौलीग्रांट में एक छोटी सी 1066.6 मीटर लंबी हवाई पट्टी होती थी। उस वक्त तक बहुत छोटे एयरक्राफ्ट हवाई पट्टी के दोनों तरफ से लैंड और उड़ान भरते थे। 2006-07 में विस्तारीकरण कर इस हवाई पट्टी को 2140 मीटर तक लंबा किया गया। लेकिन इसके बावजूद वर्तमान में सभी विमान सिर्फ रनवे के एक तरफ से लैंड और टेक ऑफ पाते हैं। जिसके लिए 243 हेक्टेयर में 650 मीटर रनवे को और बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। जिसके बाद बड़े बोइंग श्रेणी के विमान भी आसानी से उतर सकेंगे।