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Uttarkashi Tunnel: अभी करना पड़ सकता है और इंतजार, 24 मीटर तक की गई ड्रिलिंग

देहरादूनः उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने  24 मीटर मलबे को भेद दिया है। लेकिन ड्रिलिंग के वक्त एक बोल्डर मशीन के आगे आया था, जो ड्रिलिंग में बाधा बना। सिलक्यारा में बने उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग में जमा मलबे में सुबह 6 बजे तक 21 मीटर की दूरी तक ‘ड्रिलिंग’ की गई थी। शुक्रवार दोपहर तक 24 मीटर तक मलबा भेद दिया गया। सुरंग में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है, जिसमें ड्रिलिंग की जानी है।

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एक पाइप को दूसरे पाइप से जोड़ने में लग रहा है दो घंटे का समय 

रेस्क्यू ऑपरेशन में फिर कोई बाधा न आए, इसके लिए बैकअप में एक और मशीन इंदौर से मंगवाई जा रही है। बता दें कि 110 से ज्यादा घंटे से मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हैं। ऑगर मशीन से मलबे में खुदाई से 30 से 35 घंटे के अंदर मजदूरों के बाहर आ जाने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि एक पाइप से दूसरे पाइप को जोड़ने में काफी वक्त लग रहा है। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए अलग से समयलग रहा है। मलबे में ड्रिल करने और 6 मीटर लंबे पाइप को धकेलने में तकरीबन डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। एक पाइप को दूसरे पाइप से जोड़ने में करीब दो घंटे लग रहे हैं। बीच-बीच में मशीनों को आराम भी दिया जा रहा है।

ऑपरेशन सिलक्यारा पर है पीएमओ की निगाह
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई जा रही सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) लगातार नजर बनाए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभियान की प्रगति का लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह बात कही। सुरंग निर्माण में बरती गई लापरवाही से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारी अभी सबसे पहली प्राथमिकता 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की है।

सुरंग के बाहर परिजनों से दुर्व्यवहार का आरोप
श्रीनगर को पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सुरंग में घटना घट जाने के बाद ह्यूम पाइप डाले जा रहे हैं जबकि सुरंग बनने के साथ ही ह्यूम पाइप डाले जाने चाहिए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों के साथ सुरंग के बाहर दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दीपावली का अवकाश था तो उस दिन सुरंग के अंदर काम क्यों किया जा रहा था। उन्होंने सुरंग में बचाव कार्य के दौरान अधिकारियों के बीच सामंजस्य न होने का आरोप भी लगाया।