उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव के पास निर्माणाधीन टनल में 40 मजूदरों की सांसे रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज छठवां दिन है। अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है। अभी तक 21 मीटर ड्रिलिंग हो पाई है। लेकिन जिस तरह से बार बार रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट खड़ी हो रही है। उससे स्थानीय लोग इसे क्षेत्रीय रक्षक बाबा बौखनाग का प्रकोप मान रहे हैं।
इस बीच निर्माणदायी संस्था और रेस्क्यू संभाल रहे लोगों ने काम करने से पहले बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना करवाई। गांव से पुजारियों को बुलाकर बाबा बौखनाग की विशेष पूजा करवाई गई। इस बीच स्थानीय लोगों ने टनल के पास मंदिर बनाने की मांग की। जिसे सभी की ओर से सहमति दी गई है।
बाण गांव के निवासी और बाबा बौखनाग के पुजारी रामनारायण ने बताया कि वे लंबे समय से इस काम से पहले पूजा करने के लिए टनल में जाते रहे हैं। इस बार भी जब रेस्क्यू का काम चल रहा है और मशीनों से काम शुरू हुआ तो उन्होंने बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना कर सभी मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने की प्रार्थना की है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल आएंगे। बाबा बौखनाथ का इस पूरे इलाके में काफी मान्यता है। जो कि इलाके के क्षेत्र रक्षक के रुप में पूजे जाते हैं। बाबा बौखनाथ भगवान कृष्ण के अवतार माने गए हैं। जिनके इस पूरे इलाके में काफी मंदिर हैं।
पुजारी रामनारायण ने बताया कि अभी तक जो मुख्य मार्ग राड़ी से होकर जाता है। वहां पर भी बाबा बौखनाग का मंदिर है। जिसे टनल का नया रास्ता बनने के बाद टनल के प्रवेश द्वार में नया मंदिर बनाने की लंबे समय से मांग चल रही है। वर्तमान में टनल के पास बाबा बौखनाग के प्रतीक बनाकर निरंतर पूजा की जाती है।
इस बीच हादसा होने के बाद अब स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू पूरा होने के बाद पहले मंदिर की मांग तेज कर दी है। जिसे फिलहाल निर्माणदायी संस्था ने भी स्वीकार कर लिया है। ऐसे में अब सभी को मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने की उम्मीद जग गई है।