देश के वैज्ञानिक कौन है भारत को गौरव करने वाला एक और मौका दे दिया है चंद्रयान-2 के फेल होने के बावजूद भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी और अब मिशन चंद्रयान 3 सफल हो गया है जी हा शाम 6 बजे के लगभग भारत ने चंदा मामा क़ो छू लिया है इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री भी live मौजूद रहें उन्होंने देश के स्पेस वैज्ञानिको क़ो इस अभूतपूर्व सफलता के लिए बधाई दी है
वही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी वैज्ञानिकों की इस बड़ी सफलता पर उन्हें बधाई दी है सीएम ने कहा कि देश के वैज्ञानिको ने हमारा सपना पूरा कर दिया है
- चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल में लैंडर और रोवर्स शामिल हैं.
- इन दोनों के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरने के बाद उनका जीवन काल एक चंद्र दिवस है. यानी चांद पर एक दिन तक रिसर्च की जाएगी.
- चंद्रमा पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है.
- चंद्रयान- 3 का लैंडर दो मीटर लंबा, दो मीटर चौड़ा, एक मीटर 116 सेमी ऊंचा और 1749 किलोग्राम वजनी है.
- चंद्रयान-3 के संचार में लैंडर अहम भूमिका निभाएगा क्योंकि यह लैंडर से निकले रोवर से संचार करता है.
- यह रोवर के साथ-साथ चंद्रयान-2 पर लॉन्च किए गए ऑर्बिटर के साथ भी संचार करेगा.
- इनके अलावा यह बेंगलुरु के पास बेलालू में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क से सीधा संवाद करेगा.
- चंद्रयान वन और मंगलयान जैसे अंतरिक्ष अभियान के दौरान भी नेटवर्क से संवाद किया गया था.