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ज्ञानरूपी प्रकाश की ओर ले जानें वाला ही गुरू है आचार्य मंमगाईं


भगवान व्यास जी नें पूरे विश्व के लोंगो को प्रकाशित किया ज्ञान प्रकाश से, वेद व उच्च विचार से परिचित किया , बेद विभाजन से ज्ञान का विभाजन होना उतम है, लेकिन समाज का विभाजन नहीं होना चाहिए , इस बात का ध्यान रखने वाले का नाम ही गुरू है,
जो सन्मार्ग पर ले जाने वाला व पथ प्रदर्शित करने वाला तथा अन्धकार को दूर करने वाला ही गुरू है , आज गुरू पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अखिल गढ़वाल सभा भवन में श्रीकृष्ण सेवा सदन के द्वारा आयोजित गुरू पूर्णिमा के अवसर पर भक्तो को संबोधित करते हुए श्रीकृष्ण सेवा सदन के संस्थापक आचार्य शिव प्रसाद ममगांई जी ने यह बात कही, आषाढ पूर्णिमा के दिन आदि गुरू भगवान शंकर जी ने सप्त ऋषियों की तपस्या के बाद उन्हे आज ही के दिन गुरू ज्ञान दिया था, जिसके कारण आज भी आकाश मे चमकते हुए सबको प्रकाशित करने के लिए चमकते हुए सप्तऋषि दिखाई देते है ,इसलिए जीवन मे गुरू का बहुत बडा महत्व है , गुरू ब्रह्मा यानि सृजन करने वाला, गरू विष्णु पालन करने वाला, गुरू देव महेश्वर यानि संहार करने वाला ही गुरू है,
शिष्य के जीवन मे पहले से ही गुरुकुल मे ज्ञान का सृजन जिसके द्वारा स्वयं से जुडे हुए लोगो का पालन करने वाला तथा दुःख का संहरण करने वाला ही गुरू है ,
भारत मे गुरू पूर्णिमा का पर्व हिन्दु , बौद्ध, जैन धर्म के अनुयायियो के द्वारा मनाया जाने वाला पर्व ही गुरू पर्व है , भगवान बुद्ध ने वाराणसी के समीप सारनाथ मे पांच भिक्षकु को अपना उपदेश दिया था , हिमालय के ऊपरी क्षेत्र मे भगवान शंकर ने सप्तॠषियो सहित कई लोगो को आज ही के दिन बहुत लोगो को ज्ञान की प्राप्ति हुई है, अस्ल मे अपना कर्तव्य का बोध ओर ईश्वर का मार्ग प्रशस्त कराने वाला ही दिक्षा गुरू होता है, इसलिए जीवन मे, एक संत ,एक ग्रंथ ओर एक भगवंत की आवश्यकता है ,ईश्वर जो करता है अच्छे के लिए ही करता है यदि सुख दुख को ईश्वर का प्रसाद समझकर संयम से ग्रहण करें तथा हर समय परहित का चिंतन करें, विशेष रूप से कमला नौटियाल, लक्ष्मी बहुगुणा, रेंजर देवेन्द्र काला, गढवाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेन्द्र भंडारी, कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, उत्तराखंड विद्वत सभा अध्यक्ष जयप्रकाश गोदियाल, आचार्य दिवाकर भट्ट, आचार्य प्रदीप नौटियाल, आचार्य हर्षमणि घिल्ड़ियाल, चन्द्र बल्लभ बछेती, अभिजित काला, दिग्विजय सिंह चौहान, सुमिता थापा, कुसुम नेगी, ममता गुसाई , निर्मला गुसाई ,कृष्णा कोठियाल ,शैली कोठियाल, बीना उनियाल, सुषमा थपलियाल, सुरेन्द्र नौटियाल, ऊषा पुण्डिर, सुशीला चौहान, तारा पुण्डिर, संगीता चौधरी, गायत्री चौहान, सीमा मेहर ,पुष्पा पुण्डिर, लीला पुण्डिर, गीता पुण्डिर, कृष्णा पुण्डिर, चन्नी पुण्डिर, रमा सैनी, अक्षरा सैनी, वंशिका चौधरी, अनंत चौधरी, आयुष्मान सैनी,
मालदेवता, किशनपुर, धर्मपुर क्षेत्रों से आकर भक्तजनों ने बढ चढकर हिस्सा लिया , श्रीकृष्ण सेवासदन के सदस्यों द्वारा गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर जलपान एवं प्रसाद वितरण किया गया ।

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