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सादा जीवन जीने में ही आनंद है आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं


माया के साथ अधिक प्रीति न हो जाये इसके लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए भगवान की सलाह लेकर हर कार्य करो उनका स्मरण करना ही सच्ची भक्ति है दुख के साथ देने वाला बल ही ईश्वर है संसार तो केवल सुख में ही साथ देगा व्यवहार उत्तम बनाना भी पुण्य है सादा जीवन जीने में ही आनंद है
उक्त विचार ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं जी ने गंगा नगर गणेश विहार सरदार जी के प्लाट ऋषिकेश में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में व्यक्त करते हुए कहा कि भक्ति मार्ग का ज्ञान भागवत करवाता है केवल भगवान कहकर भगवान तक नही पहुंचा जा सकता है भगवान के गंतब्य को रट के नही बल्कि साधन के माध्यम से पहुंच सकते हैं भगवान स्वयम कहते हैं की मुझे भी सृष्टि की उतपत्ति करने के लिए वेदों को स्वीकार करना पड़ा जानकारी के बिना जो कार्य किया जाता है वह व्यर्थ है इसलिए यदि भक्ति और मुक्ति के पीछे लगना हो तो पहले उसकी जानकारी प्राप्त करो हमारे यहाँ जो विचारों का भंडार है उसे नाम दिया है वेद वही ज्ञान है भागवत सुनने से भाव शुद्धि और भय मुक्ति होती है
आचार्य श्री ने मथुरा व बृज की विशेषता बताते हुए कहा कि मथुरा में ऐश्वर्य तो बृज में प्रेम है जिसके स्मरण से आंखे भीग जाती है यदि मनुष्य रोता है तो उसे रुदन में भी सुख मिलता है राम शब्द रवि शब्द का समानार्थक है जिसका मतलब है स्वयम का प्रकाश अर्थात स्वयम के भीतर की ज्योति जलाना मतलब हमारे ह्रदय के अंदर जो प्रकाश की ज्योति व लौ जलती है वही राम है और शायद यही कारण है कि मनुष्य के जन्म से लेकर अंत तक मे केवल राम नाम ही व्यक्ति का साथ निभाता है यदि कहा जाए कि आत्मा का प्रकाश ही राम नाम है तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी
इस अवसर पर मनोज नौटियाल शकुन्तला नौटियाल मधु नौटियाल राकेश नौटियाल रितिक नौटियाल स्मृति नौटियाल अनिल अंजली आस्था प्राची हिमांशु प्रीति प्रज्ञा अंकित अमित लक्ष्मी नौटियाल आदि भक्त गण उपस्थित थे ।।

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