रिपोर्ट – बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत – जहां उत्तराखंड सरकार पब्लिक स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए नये नये नियमों से स्कूलों को साधने की कोशिश कर रही है। वहीं पब्लिक स्कूल नये नये तरीकों से अभिभावकों की जेबों को खाली करवा रहे है। बताते चलें कि जहां उत्तराखंड सरकार ने सभी पब्लिक स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें चलाने के निर्देश दिए हैं। वहीं पब्लिक स्कूलों में एनसीईआरटी के किताबों के अलावा अपने मनपसंद पब्लिशिंग हाउस की किताबें चला रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने बच्चों के दाखीले की उम्र 5 साल तय की है। वहीं पब्लिक स्कूलों में 4 साल के बच्चे भी पढ़ाई के लिए दिखाई दे रहें हैं।
वहीं एक ऐसा मामला रानीखेत के मॉल रोड स्थित कनोसा कॉन्वेंट स्कूल का सामने आया है। जहां स्कूल कमेटी ने कंसल बुक डिपो, मल्लीताल, नैनीताल को अपने स्कूल के सभी बच्चों की किताबों का सेट बनवाने के बाद बेचने के लिए स्थानीय चर्च में बुला कर सभी अभिभावकों को टीचर अभिभावक मिटींग के दौरान 28 मार्च से 02 अप्रैल तक खरीदने को कहा गया। जिसके बाद 28 मार्च को अभिभावक किताबें खरीदने के लिए स्थानीय चर्च में पहुंचे। जहां जूनियर केजी और सीनियर केजी की कापी किताबें बेचीं जा रही थी। इसकी शिकायत खण्ड शिक्षा अधिकारी एस एस चौहान को फोन पर दी गई। जिसके बाद खण्ड़ शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर चर्च में जो कापी किताबें बेची जा रही थी, उसे कंसल बुक डिपो के कर्मचारियों द्वारा बन्द कर दिया गया। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने सभी अभिभावकों को व्हाट्स एप के माध्यम से सूचना दी कि कापी किताबें बांटने की तारीख़ आगे बड़ा दी गई है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी एस एस चौहान ने कहा कि जो बच्चों की काॅपी किताबे अभिभावकों को बेची जा रही है। यह बहुत ही गलत है। इस प्रकार की शिकायत जब हमें प्राप्त हुई, उसके लिए तत्काल एक जांच अधिकारी कल ही नियुक्त किया जा चुका है। जैसे ही जांच रिपोर्ट प्राप्त होती है। उसके बाद तुरंत अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।