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कब से शुरू हैं चैत्र नवरात्रे, उपवास रखने का क्या है सही समय, क्या करें और क्या ना करें,कब होगा यव वापन घटस्थापन, क्या खास है इन नवरात्रों में:जानें विख्यात आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं से

कब होगा यव वापन घटस्थापन

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इस वर्ष नवरात्र 22 से 30 मार्च वासन्तीय नवरात्र यहां से नव संवत्सर शुरू होता है इस वर्ष पिंगल नाम का समवत्सर है बुधबार के दिन से नवरात्र शुरू होते हैं माँ दुर्गा नाव की सवारी में आरूढ़ होकर आयेगी इसका अर्थ होता है इस बार अनेक सुख राजसत्ता में सुख भोग प्रजा के प्रति विकास व्यवस्था को बढ़ावा देने वाला वर्ष 2080 होगा नवमी बृहस्पति वॉर को 30 तारिक होने के कारण भगवती डोली पर सवार होकर विदा होगी माँ की सवारी सिंह है सिंह के अलावा अन्य सवारियों पर सवार होती है तो शास्त्रों में कहा गया है की
शशिसूर्ये गजारुढा शानिभौमें तुरंगमे !
गुरो शुक्रे चदोलायाम बुधे नौका प्रकीर्तिताः!!
इस वर्ष चित्रा रहित प्रतिपदा है यव वापन घट स्थापन (कलश स्थापन) ( जौ बोने का समय) 6बजकर 23 मिनट प्रातः से 7 बजकर 55 मिनट तक शर्वोतम मुहूर्त है और अभिजित मुहूर्त में भी घट स्थापन करना शुभ है उस समय मिथुन लग्न है लग्न में मंगल होने के कारण अभिजित मुहूर्त इतना शुभ नही है हमारी परंपरा के अनुसार दो ऋतुएँ यम द्रष्टा मानी गयी हैं यमराज जी के दांत खुल जाते हैं बसन्त के बाद गर्मी और शरद के बाद शर्दी आती है अनेक बीमारियां से बचने के लिए दोनों नवरात्र में घट स्थापन अखण्ड दीप जलाने से बच सकते हैं प्रत्येक दिन में अलग अलग रूपों का पूजन होता हैं जैसे प्रथम दिन शैलपुत्री 22 तारिक को द्वितीय तिथि 23 मार्च ब्रह्मचारिणी पूजा 24 मार्च को तृतीय तिथि मा चंद्रघंटा पूजा 25 मार्च को मा कुष्मांडा पूजा26 मार्च को मा स्कन्धमाता पूजा 27 मार्च को सांय 5 बजकर 27 मिनट तक षष्टि तिथि है उसके बाद सप्तमी तिथि है इसलिए उसी दिन कालरात्रि पूजन होगा29 मार्च को अष्टमी तिथि मा महागौरी पूजा 30 मार्च को मा सिद्धिदात्री पूजा दसवें दिन देवी विसर्जन किया जाएगा 22 तारिक को नवरात्र प्रारंभ हो रहा है इस तारिक को नव वर्ष प्रारम्भ हो रहा है इस दिन चैती गुडी पड़वा वरुण अवतार झूलेलाल जयंती नौ दिन में नौ कन्याओं का पूजन कुमारी पूजन धन ऐश्वर्य को बढ़ाने वाला होता है प्रथम दिन 1 वर्ष की कन्या दूसरे दिन 2 साल की कन्या का पूजन तीसरे दिन 3 साल की कन्या का पूजन इस प्रकार नौ दिनों तक कन्याओं का पूजन किया जाता है इस वर्ष शक सम्वत 1945 में विक्रमी सम्वत 2080 में राजा बुद्ध मंत्री शुक्र होंगे जो खूब वर्ष देश मे दान दया धर्म मंगल कार्य होंगे बादल भी खूब बरसेंगे पिंगल नाम का सम्वत्सर अन्न जल मध्यम राजा लोग शत्रुओं को पराजित कर प्रजा में खुशहाली रहेगी ।।
ज्योतिष्पीठ व्यास पदाल॔कृत आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं

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