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संस्कृत विवि देवप्रयाग में इस बार योग और कर्मकाण्ड कोर्स भी शुरू,ऐसे करे अप्लाई

डॉ.वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल,वरिष्ठ पत्रकार

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प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से संबद्ध हुआ श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर
देवप्रयाग। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में इस बार अनेक रोजगारपरक कोर्स शुरू हो रहे हैं। इसी साल यहां इंटरनेशनल योग सेंटर की भी स्थापना हो जाएगी। इस परिसर से योग, पौरोहित्य कर्मकाण्ड जैसे विषयों का अध्ययन कर छात्रों के सामने रोजगार की प्रबल संभावनाएं बन जाएंगी। ग्रेजुएशन कोर्सों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, जिसकी अंतिम तिथि 12 मार्च निर्धारित की गयी है।
यह जानकारी परिसर के नवनियुक्त निदेशक प्रो. पी.वी.बी. सुब्रह्मण्यम ने प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि अभी तक इस परिसर से वेद, व्याकरण, ज्योतिष, साहित्य तथा दर्शन विषयों में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी तथा स्नातक स्तर तक इन विषयों के साथ ही शरीरिक शिक्षा, हिन्दी, अंग्रेजी, कंप्यूटर, इतिहास पढ़ाए जाते थे, परन्तु प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से संबद्ध होने के कारण अब यहां ऐसे पाठ्क्रम चलाए जा रहे हैं, जिन्हें करते ही छात्रों को तुरंत रोजगार उपलब्ध हो सके। इसके तहत जुलाई से आरंभ होने वाले नए सत्र से इस परिसर से बीएससी योगिक साइंस, योग में पीजी डिप्लोमा, पौरोहित्य कर्मकाण्ड में डिप्लोमा तथा नव्य न्याय भाषा एवं प्रविधि में डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ होने जा रहे हैं।
प्रो. सुब्रह्मण्यम ने बताया कि इस आवासीय परिसर में लगभग पांच सौ छात्रों के रहने और भोजन की हॉस्टल व्यवस्था है। विभिन्न राज्यों के विषय विशेषज्ञ योग्य प्राध्यापक यहां अध्यापन करते हैं। यहां प्राक्शास्त्री (ग्यारहवीं), शास्त्री (बीए) तथा आचार्य (एमए) प्रथम वर्ष में प्रवेश से पूर्व अखिल भारतीय स्तर की केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) पास करनी होती है। स्नातक कोर्सों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 12 मार्च है, जबकि प्राक्शास्त्री और आचार्य में प्रवेश की परीक्षा की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है। निदेशक ने बताया कि किसी भी विद्यालय से पढ़ा हुआ छात्र ग्यारहवीं एव ंबीए में प्रवेश ले सकता है। इसके लिए संस्कृत बैकग्राउंड होना आवश्यक नहीं है। परिसर में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्क्रम संचालित हो रहे हैं। यहां हिमाचल, उत्तर प्रदेश, असम, बंगाल इत्यादि राज्यों के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। परिसर में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के मार्गदर्शन एवं सहायता के लिए इस बार न्यू स्टूडेंट सेल बनायी गयी है। छात्र 7579466081 तथा 7979882977 फोन नंबरों पर संपर्क कर अपनी जिज्ञासाएं शांत कर सकते हैं अथवा इसके लिए कार्यदिवस में परिसर में भी आ सकते हैं। परिसर की वेबसाइट का लिंक http://www.csu-devprayag.edu.in

तथा विश्वविद्यालय की वेबसाइट का लिंक

http://www.sanskrit.nic.in है।
निदेशक प्रो. सुब्रह्मण्यम ने आशा जतायी कि देवप्रयाग परिसर शिक्षा के लिए होने वाले पलायन पर रोक लगाने में सफल होगा। यहां के मेधावी गरीब विद्यार्थी संस्कृत विषयों तथा योग, कर्मकाण्ड की शिक्षा के लिए काफी धन खर्च कर बाहर जाते हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए यह परिसर वरदान सिद्ध होगा। परिसर में उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति को प्रचार-प्रसार करने का भी उद्देश्य है। विभिन्न राज्यों के यहां अध्ययनरत छात्र उत्तराखण्ड की संस्कृति का साक्षात्कार करते तथा अपने राज्यों में उसका प्रचार-प्रसार करते हैं। प्रेस वार्ता में आईक्यूएसी के संयोजक डॉ.सच्चिदानन्द स्नेही, वेद विभाग संयोजक डॉ. शैलेन्द्र प्रसाद उनियाल, डॉ.रामबहादुर दुबे, डॉ.वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल इत्यादि उपस्थित थे।

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