कुलदीप सिंह बिष्ट, पौड़ी
देहरादून:आज हर किसी के हाथ में स्मार्ट फोन है यह स्मार्ट फोन जितने फायदेमंद है उतना नुकसानदायक भी है आज फोन पर सोशल मीडिया जैसै फेसबुक इंस्टाग्राम के ज़रिए एक दूसरे परिचित लोगों से संवाद करते हैं ,लेकिन कभी कभी हम अनजान व्यक्तियों से भी बिना जान पहचान जांच पड़ताल के दोस्ती कर देते हैं जिसमें कुछ दोस्ती तो मददगार साबित होती है लेकिन कुछ दोस्ती हमारे जीवन को बर्बाद करदेती है अक्सर सोशल मीडिया में ये खबर तैरती रहती हैं की सोशल मीडिया से बने थे प्रेमसंबध प्रेमी और पत्नी ने की पति की हत्या या फिर फेसबुकिया प्रेम में पति ने पति को लगाया ठिकाने एसे कई ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जिसका परिणाम बुरा होता है, वहीं अक्सर यह भी देखा जाता है कि मां पिता बच्चों को फोन देते लेकिन वह निगरानी नहीं रखते हैं आपका बच्चा फोन पर कर क्या रहा है,
और बच्चा हाथ से निकल जाता है और वह पढाई से विचलित होकर कुसंगत में फंस जाता है,ताजा मामला पौड़ी जिले का है जहां मात्र दस साल की नाबालिक लड़की के अपहरण करने मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश के दो लड़के पौड़ी लड़की के घर पहुंचे जहां पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर दिया ये दो लड़के बीती शाम को पौड़ी पहुंचे थे लेकिन नाबालिक के परिजनों ने सूझबूझ दिखाकर दोनो युवकों को एक कमरे में बन्द कर डाला और घटना की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने दोनो अभियुक्तों को परिजनों की तहरीर पर गिरफ्तार कर लिया और छेड़छाड़ समेत अपरहण करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय भेज दिया है पुलिस उपाधीक्षक प्रेम लाल टम्टा ने बताया की नाबालिक की बातचीत सोशल मीडिया के जरिए युवकों से हुए जिसके बाद मुज्जफर नगर के दो युवक सुहेल और अयान युवती को बहला फुसलाकर उसको अगवा करने के लिए पौड़ी पहुंचे थे।लेकिन यह घटना हमें सोचने को मजबूर कर देती की उत्तराखंड के गांव में भी लड़किया सुरक्षित नहीं हैं रैबार पहाड़ की आप से अपील है की अपने बेटी बेटा को जब भी फोन देते हैं जरूर मॉनिटरिंग करें कि आपका बच्चा फोन पर कर क्या रहा है, नहीं तो आपको इसके गंभीर परिणाम मिल सकते हैं, और उन्हे बहला-फुसलाकर कोई भी अपहरण की ऐसी साजिश कर सकता है।