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जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर गरमाई सियासत, पूर्व सीएम हरीश रावत धरने पर बैठे

जोशीमठ इस समय में बड़े संकट का सामना कर रहा है। भू-धंसाव से लगातार घरों में दरारें पड़ रही है। उधर भू धंसाव को लेकर सियासत भी गरमायी हुई है। कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार जोशीमठ में भू धंसाव के प्रति गंभीर नहीं है। इसी मुद्दें पर आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून के गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे मौन उपवास पर बैठे। हरीश रावत जोशीमठ आपदा को लेकर सरकार के अब तक के कदम के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सांकेतिक उपवास पर बैठे। हरीश रावत आज एक घंटे का उपवास रखकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। इस दौरान उनके साथ पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत समेत तमाम कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
गांधी पार्क में मौन उपवास पर बैठे हरीश रावत ने कहा कि जोशीमठ में बिना मुआवजे के ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। हरीश रावत ने कहा बिना कोई वैकल्पि क व्यवस्था किए जोशीमठ के दो होटलों को गिरानेके आदेश दिये गये हैं। इसके साथ ही जोशीमठ के कई और घर भी इसके लिए चिन्हित किये गये हैं। हरीश रावत ने कहा कि पहले सरकार को आपदा प्रभावितों की मदद करनी चाहिए। पीड़ितों के लिए मुआवजेकी घोषणा करनी चाहिए। उसके बाद आगेकी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष- गैरजिम्मेदार है सरकार
उधर, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा सरकार को जोशीमठ के मुद्दे तत्काल कैबिनेट बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं की। न ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस पूरे मामले में गैरजिम्मेदार रुख अख्तियार किए हुए है। भाजपा सरकार के किसी भी मंत्री ने जोशीमठ का दौरा नहीं किया है। जो गए भी हैं हेलीकॉप्टर से जाकर कुछ घंटों में वापस लौट जा रहे हैं। भाजपा के एक प्रभारी मंत्री तो वहां केवल दो घंटे रहे और लौट आए। जबकि सरकार को वहां मंत्रियों की ड्यूटी लगानी चाहिए थी। वह रात-दिन वहीं कैंप करते और आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को देखते।

मुआवजे को लेकर लोगों में आक्रोश
723 परिवारों को डेढ़ लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। सिर्फ दो होटल ही ढहाए जाएंगे। किसी अन्य भवन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होगी। दो होटलों के पास रहने वाले पांच परिवारों पर सबसे अधिक असर पड़ने की आशंका है। वहीं मलारी इन और माउंट व्यू होटल के बाहर व्यापारियों को धरना-प्रदर्शन जारी है। लोगों में सरकार द्वारा तय कम मुआवजे को लेकर आक्रोश है। प्रभावितों ने आरोप लगाया कि सरकार राहत के नाम पर दर्द दे रही है।

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