चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से तबाही मची हुई है। इसके बाद अब चमोली का कर्णप्रयाग भी संकट में है। दरअसल कर्णप्रयाग बहुगुणानगर, सीएमपी बैंड और सब्जी मंडी के ऊपरी भाग में रहने वाले 50 से अधिक परिवार भी अब दहशत में हैं। यहां मकानों की दीवारों व आंगन में दरारें पड़ी हैं। वहीं बरसात के समय स्थिति और भी गंभीर हो जाती हैं। पिछले कई सालों से बरसात में तेजी से भू-धंसाव हो रहा है, जिसके चलते बहुगुणा नगर में 50 से अधिक घरों मे भू-धंसाव के चलते बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी हैं।
बता दें कि बीते 2 साल से बहुगुणा नगर के में भू धंसाव की स्थिति इन मकानों में मोटी-मोटी दरारें पड़ना शुरू हो गई थीं। अब हालत यह हैं कि यहां कई लोगों ने अपने मकानों को छोड़ना शुरू कर दिया है, जबकि अधिकांश परिवार खौफ के साये में टूटे मकानों में ही रहने के लिए मजबूर हैं। लेकिन बावजूद इसके जोशीमठ का उदाहरण लेकर भी प्रशासन और आपदा प्रबंधन की ओर से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
उत्तरकाशी में भी भय
जोशीमठ में भूधंसाव की घटना ने उत्त रकाशी के लोगों में भी डर पैदा कर दिया है। दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्ताड़ी गांव में भूधंसाव और घरों के अंदर पानी निकलने से जोशीमठ जैसी घटना की आशंका से ग्रामीणों के हाथ-पांव फूल गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में हो रहे भूधंसाव व घरों के अंदर से निकल रहे पानी निकल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि जोशीमठ जैसी हालत कहीं मस्ताड़ी में भी न हो जाए। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से समय रहते मस्ताड़ी गांव की सुध लेने की मांग की, ताकि आपदा जैसी स्थिति से बचा जा सके।