उत्तराखंड के जोशीमठ शहर पर लंबे समय से खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अब लोग बेघर हो रहे हैं। आादि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि ज्यार्तिमठ भी भूधंसाव की जद में आ रहा है। इस तरह से नगर धीरे-धीरे अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अस्तित्व को खो रहा है। जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। जिसके तहत आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया है।
केंद्र सरकार ने कमेटी की गठित
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी गठित की है। ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी सेस्टडी करेगी। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
600 परिवारों को तत्काल निकालने के निर्देश
बता दें कि आज सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार 6 जनवरी को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई। इस बैठक मेंराज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए। सीएम पुष्कर धामी ने मीडिया सेबात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ शहर के दरार और जोखिम भरे घरों में रह रहे करीब 600 परिवारों को शुक्रवार को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया। इसके साथ ही सीएम धामी ने डेंजर जोन को तत्काल खाली कराने और प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित जगह पर एक बड़ा पुनर्वास केंद्र बनाने का आदेश दिया है। वहीं लोगों की मदद के लिए आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट करने के निर्देश दिए हैं। जिन लोगों के घर रहने लायक नहीं हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन परिवारों को किराये के मकान में रहने के लिए हर महीने 4 हजार रुपए दिए जाएंगे। ये राशि 6 महीने तक CM रिलीफ फंड से मुहैया कराई जाएगी।