रुद्रप्रयाग – राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए उत्तराखंड से तीन बहादुर बच्चो के नाम भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को भेजे गये है.
जनपद रुद्रप्रयाग के विकास खण्ड अगस्त्यमुनि के तमिन्ड गॉंव निवासी नितिन रावत (18 वर्ष)पुत्र सचेन्द्र रावत 12जुलाई 2021को सुबह अपने भाई के साथ नारी देवी मन्दिर यज्ञ मे जा रहे थे,रास्ते मे पानी प्यास बुझाने के लिए नितिन पानी पीने लगा,साथ मे नितिन का बड़ा भाई कुछ आगे चला गया,वहीं झाड़ियों मे घात लगाये बैठा गुलदार पीछे से नितिन पर झपटा,इस दौरान नितिन ने अपनी बहादूरी का परिचय देते हुए गुलदार से संघर्ष किया ओर उसके दोनों पंजो को पकड़ लिया, इस दौरान नितिन के शरीर पर गुलदार के पंजो गहरे घाव होने से खून बहने लगा.
इधर नितिन का भाई कुछ आगे निकल ने के बाद रुका ओर नितिन के आने का इंतजार कर रहा था जब नितिन काफी देर तक नहीं आया तो उसका भाई वापस नितिन को देखने आया,तबतक नितिन ओर गुलदार मे संधर्ष को देखते उसने हल्ला मचाते हुए पत्थर फेका,खूंखार गुलदार ने नितिन को छोड़कर उसके भाई की तरफ बढ़ा,इसी दौरान नितिन ने हिम्मत के साथ वहीं पड़ी पेड़ की टहनी उठा कर गुलदार की ओर घुमाया साथ ही दोनों भाईयों ने शोर मचाया, आवाज सुनते ही ग्रामीण वहा पहुँचे ओर गुलदार भाग गया.
18साल के नितिन के हौसले ने जहाँ अपनी जान तो बचाई,वहीं अपने भाई की जान को भी गुलदार से बचाया.
नितिन के इस बहादुर हौसले के लिए वन विभाग,जिला प्रशासन द्वारा नितिन के नाम को राज्य बाल कल्याण परिषद को भेजा,वहीं अब राज्य बाल कल्याण परिषद ने नितिन सहित 2 अन्य बहादूर बच्चो के नाम नई दिल्ली बाल कल्याण परिषद को भेज दिया है.
वहीं नितिन के नाम को बहादुरी पुरस्कार के लिए भेजे जाने की खबर मिलते ही नितिन के माता-पिता एंव गॉंव के साथ साथ पूरे जनपद मे ख़ुशी का माहौल दिखाई दे रहा है.
नितिन के पिता सचेन्द्र रावत का कहना है कि 12जुलाई2021 की उस घटना के दिन हम सभी बड़े दुःखी थे,क्योंकि पहाड़ो मे गुलदार के हमले से अपने जान बचाना बहुत बड़ा जोखिम होता है,मेरे बेटे मे उस वक़्त ऐसी शक्ति /हिम्मत आई कि उसने अपनी ओर अपने भाई की जान गुलदार के मुँह से बचाई.नितिन गंभीर ओर संधर्षशील प्रवृति का है,यह सुनकर हमें भी खुशी हुई है.