
आज पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश तथा भारतीय शिक्षण मंडल उत्तराखंड प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में शोध वीर सम्मान शिविर का आयोजन किया गया।
भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय युवा आयाम के द्वारा 3 माह पूर्व ही अखिल भारतीय स्तर पर सुभाष स्वराज सरकार शोधपत्र लेखन प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया था, इस प्रतियोगिता में संपूर्ण देश से ग्यारह हजार से अधिक शोधार्थियों ने भाग लिया जिनमें चार हजार शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रेषित किए तथा उनमें से पच्चीस प्रतिभागी उत्तराखंड से चयनित किए गए इन्हीं प्रतिभागियों में से प्रथम स्थान पर चंद्रकांत तिवारी द्वितीय स्थान पर हरिशिका रावत, तृतीय स्थान अभिषेक भारद्वाज ने प्राप्त किया। इन शोधवीरों के साथ-साथ छह अन्य शोध वीरों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक उत्तराखंड सरकार, प्रोफेसर एन. पी. माहेश्वरी, अध्यक्षता पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर गुलशन कुमार ढींगरा ने की,
कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मंडल उत्तराखंड प्रांत की ओर से सह प्रांत मंत्री गगन माटा, युवा आयाम प्रमुख जगदीप सिंह, प्रतिभा पाल, सामाजिक कार्यकर्ता- स्वामी एस चंद्रा, मोहित कुमार, देव ऋषि चौहान, निश्चय आनंद एवं कार्यक्रम संयोज़क अक्षुण्ण गायकवाड के साथ बहुत से छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर किया गया, इस अवसर पर सरस्वती वंदना की प्रस्तुति मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं द्वारा की गई ।
कार्यक्रम का संचालन डा. साफिया हसन ने किया। भौतिकी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा द्वारा अन्य गणमान्य का स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय परिसर के प्राचार्य प्रोफेसर गुलशन ढींगरा द्वारा अपने उद्बोधन में सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया गया, साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में शोध की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होने कहा कि शोध ही साधन और समाधान का मूल है। साथ ही भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा छात्रों के मन में शोध की भावना को विकसित करने के प्रयासों की सराहना की तथा शोध से जुड़े हुए क्रिया कलापों में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रेरित किया, कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित पूर्व निदेशक एन. पी. माहेश्वरी ने छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु शोध को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रुप से शामिल करने की संस्तुति की।
कार्यक्रम में शोध वीरों द्वारा अनुभव कथन भी साझा किया गया। अंत में मुख्य अतिथि के द्वारा सभी विजेताओं को उपहार व प्रमाण पत्र भेंट किए गए, प्रोफेसर गगन माटा द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया, देवऋषि चौहान द्वारा कल्याण मंत्र का पाठ कर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, उत्साह से भरपूर छात्राओं ने बहुत सुन्दर रंगोली की प्रस्तुति दी.

