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हकीकत:उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय तक घोटाले ही घोटाले,युवा बेरोजगार, 22 साल में उत्तराखंड का बंटाधार, विधानसभा भर्ती घोटाले में मचा हाहाकार, सीएम धामी का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार

डी एस के, रैबार पहाड़ का

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देहरादून :घोटाला घपला और उत्तराखंड सफेदपोश नौकरशाहों की पौ बारह नेताओं के करीबियों की मौज ही मौज और और उत्तराखंड का युवा पढ़ लिखकर दर-दर सड़कों पर भटक रहा है और रोजगार के सपने देख रहा है, और नौकरी नेता और अधिकारी का बेटा पा रहा है यदि कभी कोई भर्ती निकलती भी हैं तो उसमें पेपर खरीद लिया जा रहा है और पढ़ने वाले नहीं बल्कि पैंसे देने वालों को पास किया जा रहा है, आखिर युवा करेगा क्या, वहीं जिस विधानसभा से पूरे प्रदेश प्रदेश की रणनीति तैयार की जाती है वहां भी अब घोटालों की बरसात हो रही है आखिर में उत्तराखंड राज्य जब से बना है तब से यहां अनगिनत रिकॉर्ड तोड़ घोटाले हुए हैं, और जिस कारण उत्तराखंड कर्ज के बोझ तले दबता गया रसूख वाला पनपता गया ,इसी का सबसे बड़ा उदाहरण विधानसभा भर्तियों में जो धांधली हुई है, वह किसी से छुपी नहीं है सरकार भाजपा की रही है कांग्रेस की बैक डोर भर्तियां जमकर हुई हैं और भर्ती उन्ही की हुई जिनका रसूख था जिनकी जान पहचान थी, आम आदमी तो पास बनाने के लिए भी विधानसभा में पसीना छूट जाते हैं, लेकिन मंत्री विधायकों के रिश्तेदार नातेदार आसानी से नौकरी पा जाते हैं आखिर यह खेल कब तक उत्तराखंड में चलता रहेगा और उत्तराखंड का युवा पिसता रहेगा। वहीं उत्तराखंड में जिस तरह से घोटालों की सीरीज पर सीरीज लॉन्च हो रही है जहां अधीनस्थ चयन पेपर लीक का मामला गरमाया हुआ है, वहीं अब नई सीरीज विधानसभा भर्ती घोटालों और घपलों की आई है और इस पर कांग्रेस के युवा अध्यक्ष करन माहरा समेत पूरी कांग्रेस आग बबूला है और इन गडबड़ी के कागज भी सामने आए हैं। सूत्र तो यें भी बताते हैं जिस कंपनी ने VDO जैसे भर्ती कराई और भर्ती मे जमकर भ्रष्टाचार सामने आया उसी कम्पनी ने विधानसभा की भी भर्ती परीक्षा कराई ऐसे मे आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कैसी भर्तियां हुई होगी सूत्रों की माने तो यें तमाम भर्ती आचार संहिता के दौरान की गई।


वो बताते हैं कि कैसे बड़े नेताओं के करीबी नौकरी लग गए वो भी बिना किसी क़ो हवा लगे और इस पुरे मामले का मास्टर माइंड कौन हैं यें भी पता चल पायेगा
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा द्वारा विधानसभा मे भर्तियों पर सवाल खडे किए जाने के बाद उत्तराखंड की राजनीति मे हड़कंप मच गया हैं बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने जहाँ अपने करीबियों क़ो विधानसभा मे नौकरी दिलवाई वही अब एक लिस्ट भी सामने आ गई हैं जिसको देखकर लगता हैं विधानसभा मे बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर नौकरी का खेल खेला हैं इसमें से कुछ नाम खुद कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने अपने बयान मे बोले जिसमे कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के PRO, मंत्री सतपाल महाराज के PRO, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के PRO और एक अन्य सहयोगी की पत्नी, बीजेपी संगठन मे बड़े नेता के साथ काम कर चुके एक pro, सरकार मे रसूख रखने वाले कुछ लोगो ने भी अपनी पत्नियों क़ो नौकरी लगा दी इसके अलावा बीजेपी संगठन से जुड़े कुछ नामों के परिजनों क़ो विधानसभा मे नौकरी मिली हैं

साफ हैं जहाँ एक तरफ भर्ती घोटाले के हल्ला मचा हुआ हैं वही विधानसभा मे हुई भर्तियों क़ो लेकर कई बड़े सवाल खडे हो रहें हैं वही पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह तो सीधे तौर पर कहते हैं कि उत्तराखंड मे विधानसभा मे राज्य बनने से अभी तक कि तमाम भर्तियों कि जाँच हो जाएगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा उनके अनुसार भर्तियों मे अगर इसी तरह से घोटाले होंगे तो फिर युवा जो रोजगार चाहते हैं उनको हम क्या जवाब देंगे।

 वही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इशारो इशारो मे विधानसभा मे हुई भर्तियों पर सवाल खडे किए हैं उनके अनुसार मेरी सरकार मे यें फैसला हुआ था की यें तमाम भर्तियां आयोग के माध्यम से की जाएगी जिसके लिए आदेश भी जारी किए थे लेकिन इस बार किस प्रक्रिया से हुए हैं मुझे जानकारी नहीं हैं लेकिन अगर शॉर्टकट से कोई रोजगार पाने की कोशिश कर रहा हैं तो यें गलत हैं और कष्टप्रद है

साफ हैं सीएम की सख़्ती के बाद जहाँ भर्तियों की गड़बड़ी पकड़ी जा रही हैं और तमाम भर्तियां निरस्त हो रही हैं वही विधानसभा जो एक सर्वोच्च सदन हैं उसमे हुई भर्तियों पर सवाल खडे उठ रहें हैं तो जाँच तो लाजमी हैं, वहीं विधानसभा भर्ती हुए लोगों के बारे में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को पत्रकारों ने पूछा तो उन्होने गोलमोल जबाव देते हुए कहा की भर्ती कामचलाऊ है,और प्रेमचंद अग्रवाल पत्रकारों के सवाल पूछने पर आग बबूला हो गए हैं। लेकिन अब देखना होगा प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री जो लगातार भ्रष्टाचार पर प्रहार कर रहे हैं वह उस पर क्या निर्णय लेते हैं।


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