उत्तराखंडी लोक गायक धूम सिंह रावत के जैंती गीत ने लिया बड़ा मोड़ विरोध और समर्थन करने वाले कर रहे अमर्यादित और अश्लील भाषा का प्रयोग: जानें पूरा मामला:फंस सकते हैं कानून के शिकंजे में

घनसाली:- हाल ही मे रिलीज हुआ उत्तराखंडी लोकगायक धूम सिंह रावत का गढ़वाली गाना “जैंती” सुर्खियों मे बना है। जिसमे कुछ विशेष समुदाय द्वारा गाने में जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर गाने का विरोध किया गया। हालांकि जैंती गाने का विरोध देख लोकगायक धूम सिंह रावत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव आकर एवं विभिन्न न्यूज़ चैनलों के साक्षात्कार में सभी जाति समुदाय से माफी मांगी थी एवं साथ ही उक्त गाने को यूट्यूब से हटा दिया था। लेकिन उस गाने को लेकर धूम सिंह रावत के साथ लाइव साक्षात्कार करने वाले लोगों को उनके समर्थक अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर कमेंट कर रहे हैं जिससे उक्त गाना विवादों में घिरता हुआ नजर आ रहा है।

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वहीं उक्त गाने को लेकर उनकी अपनी विधानसभा घनसाली से कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है जो कि रुकने का नाम नही ले रहा है।
वहीं घनसाली विधानसभा से सामाजिक कार्यकर्ता सागर सुनार ने जब धूम सिंह रावत से इस मुद्दे पर वाद-विवाद चर्चा की व उसकी वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक में अपलोड की तो उनका कहना है कि धूम सिंह रावत के समर्थकों ने आपनी मर्यादा को लांगते हुए उन्हें आपत्तिजनक कमेंट व मैसेज किए है।
सागर सुनार ने कहा कि अनुसूचितजाति व अनुसूचित जनजाति एक्ट ( अत्यचार निवारण एक्ट) 1989 के तहत धारा 3(1) में कहा गया है कि किसी भी जाति समुदाय को जातिसूचक शब्द कहना अपराध की श्रेणी मे आता है। लेकिन फिर भी धूम सिंह रावत के समर्थक उनकी पोस्ट मे आकर जातिसूचक शब्दों व अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग कर कमेंट कर रहे हैं जिससे धूम सिंह रावत भी कानूनी दायरे मे फंस सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सागर सुनार ने कहा कि वह वर्तमान में घनसाली क्षेत्र से बाहर हैं लेकिन कुछ दिन बाद वह घनसाली आकर उक्त अनुचित भाषा का प्रयोग कर कमेंट करने वालों के खिलाफ घनसाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करेंगे।
वहीं उक्त विवादित गाना जैंती के मामले में लोकगायक धूम सिंह रावत ने बताया कि उक्त गाना किसी और के द्वारा लिखा गया है हालांकि गाया उनके द्वारा गया है। धूम सिंह रावत ने बताया कि उक्त गाने को लेकर मैंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव आकर सार्वजनिक रूप से देवतुल्य जनता से माफी मांग दी है एवं उक्त गाने को यूट्यूब से पूर्ण तरह हटा दिया है लेकिन कुछ लोगों द्वारा बात को तूल दिया जा रहा है। वही उनका समर्थकों के मामले में कहना है कि भले ही मेरे अनेकों समर्थक हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि मैं अपने सभी समर्थकों से परिचित हूं, रही बात अभद्र व अमर्यादित कमेंट करने की तो वह उनकी मानसिकता व संस्कार को दर्शाता है। बहुत से लोग मुझे भी अभद्र व अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर कमेंट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो मेरे परिचित समर्थक है उनको मैंने पर्सनल दूरभाष से संपर्क कर बात को तूल न देने का आग्रह किया है।

गाली देने पर तीन महीने की सजा: फेसबुक या इंटरनेट के जरिए अगर कोई व्यक्ति किसी के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करता है, अश्लीलता फैलाता है, गाली देता है या ऐसी बातें करता है जिससे किसी को पीड़ा पहुंची हो तो उसके खिलाफ धारा 294 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। उसे तीन महीने की सजा हो सकती है।


वही धूम सिंह रावत ने अपने समर्थकों एवं देवतुल्य जनता से भी हमारे पोर्टल के माध्यम से सार्वजनिक रूप से माफी मांग कर क्षमा करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि मेरा किसी जाति विशेष समुदाय से उक्त गाने को लेकर ठेस पहुंचाने का मकसद नहीं था।
आपको बता दें कि लोक गायक धूम सिंह रावत उत्तराखंड संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं और उत्तराखंड की संस्कृति से संबंधित अभी तक कई गढ़वाली गाने दे चुके हैं जिनमे कई गाने हिट भी रहे हैं।

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( हमारे पास तमाम स्क्रीनशॉट पड़े हैं लेकिन हम एक स्क्रीनशॉट नहीं लगा रहे हैं क्योंकि उनमें इतनी भद्दी भद्दी गाली दी गई जिसके बारे में कोई सोच नहीं सकता है यदि मामला गंभीर हो गया तो अश्लील और अमर्यादित भाषा के प्रयोग में जेल की हवा खानी पड़ सकती है)

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