स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान से गूंज उठा हिमालय
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस खास मौके पर जहां हर घर तिरंगा लगाया जा रहा है और देश की आन , बान और शान के प्रतीक तिरंगे को घर मे लगाकर उन सभी वीर सपूतों को याद किया जा रहा जिनकी बदौलत हम आजादी की इस खुली हवा में सांस ले रहे हैं। हर कोई इस मौके पर देश के प्रति अपने भाव को प्रदर्शित कर रहा है। ऐसा ही एक वीडियो है विंग कमांडर विक्रांत उनियाल का है जिन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट में राष्ट्रध्वज व भारतीय वायुसेना का ध्वज फहराकर राष्ट्रगान गया। सोशल मीडिया में भी उनका ये वीडियो चल रहा है। विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने 15 अप्रैल को एक शेरपा और कुछ पोर्टर के साथ हिमालय के बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और 21 मई को एवरेस्ट की चोटी फतह की। वहां पर उन्होंने बिना मास्क के राष्ट्रगान भी गाया और अपने इस मिशन को गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित किया। एवरेस्ट की ऊंची चोटी पर भी राष्ट्रगान और देश की शान तिरंगा जब लहराता नज़र आया तो हर किसी का सर गर्व से ऊंचा हो गया।
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने *आजादी के अमृत महोत्सव पर* विश्व की सबसे ऊंची चोटी , *एवरेस्ट* पर पहुंचकर *राष्ट्रध्वज, भारतीय वायुसेना का ध्वज फहराकर, राष्ट्रगान गाया* और सभी भारतीयों का मान बढ़ाया।
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल जब सातवीं कक्षा में थे, तभी *नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिंग* से उन्होंने पर्वतारोहण का कोर्स किया था। एयरफोर्स में जाने के बाद 2018 में *सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (एएमआई)* से प्रशिक्षण लिया। लद्दाख की जंस्कार घाटी में सर्दियों में बेहद दुर्गम *चादर ट्रैक* किया।इसके बाद ही एवरेस्ट पर चढ़ने की इच्छा और प्रबल हो गई। दिसंबर 2021 में अरुणांचल में *नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स (निमास)* से प्रशिक्षण के बाद तय कर लिया था कि अबकी एवरेस्ट को छूना है। *15 अप्रैल* को एक शेरपा और कुछ पोर्टर के साथ हिमालय के बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और *36वें दिन* एवरेस्ट की चोटी पर था।
*”आज़ादी का अमृत महोत्सव”* में, भारतीय वायु सेना के अधिकारी ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के बाद, बिना *ऑक्सीजन मास्क* के राष्ट्रगान गाया। उन्होंने अपनी इस कामयाबी को *गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों* को समर्पित किया। पृथ्वी के उच्चतम बिंदु पर स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने माउंट एवरेस्ट फतह किया। यह देशभक्ति की भावना थी “हर काम देश के नाम” जिसे उन्होंने सबसे असाधारण तरीके से व्यक्त किया।देश के लिए कुछ करने का जज्बा इतना प्रबल था कि इस उल्लेखनीय अभियान का पूरा खर्च भी खुद ही वहन किया।