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राज्यसभा में गूंगी टिहरी की आवाज बन सकते हैं सूर्य प्रकाश सेमवाल

वीर सिंह राणा की कलम से

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राज्यसभा में गूंगी टिहरी की आवाज बन सकते हैं सूर्य प्रकाश सेमवाल नीति आयोग ने देश के पिछड़े जिलों को नापने का जो मानक रखा हो लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य से लेकर आज पृथक राज्य बनने के सवा दो दशक बाद भी जी पिछड़ेपन ,उपेक्षा और बदहाली से टिहरी जूझ रहा है ,वैसा और कोई जिला नहीं हो सकता है | सनातन धर्मस्थली ,अनेकों सिद्धपीठों से युक्त बेजोड़ शोर्यगाथाओं की गवाह अभागी टिहरी नेतृत्व शून्य होने के कारण दिल्ली क्या देहरादून में भी गूंगी नजर आती है | टिहरी के विकास के लिए प्रतिबद्ध और उसके अधिकार के लिए दशकों से आवाज उठाने वाले भिलंगना घाटी के सपूत सूर्य प्रकाश सेमवाल शायद इसी के चलते राजनीतिक नुकसान झेल रहे हैं | जब अस्सी के दशक में भिलंगना घाटी के मसीहा और पहाड़ के गांधी राजर्षि इंद्रमणि बडोनी ने घुत्तू में श्री नवजीवन आश्रम विद्यालय खोला तो इसी विद्यालय से 1986 में 10 वीइं की परीक्षा पास कर बडोनी जी और बालकृष्ण नौटियाल के प्रिय शिष्य सूर्य प्रकाश सेमवाल शिक्षा ग्रहण करने दिल्ली आए और कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर अभिव्यक्ति संस्था के माध्यम से सामाजिक गतिविधियां शुरू कीं | मेजर जनरल सेवानिवृत्त भुवन चंद्र खंडूड़ी के नेतृत्व में उत्तरांचल संघर्ष समिति के बैनर तले पृथक राज्य आन्दोलन में सक्रिय भागीदारी की | सामाजिक रूप से विश्व में बच्चों के सबसे पुरानी संस्था बाल्कन जी बारी इंटेरनेश्नल में काम किया और संघ शाखा से नियमित जुडने ,विद्यार्थी परिषद के संगठन विस्तार में सहयोग करने के साथ विहिप के पर्याय पुरुष अशोक सिंघल जी की प्रेरणा से 1994 से संस्कृत प्रचार के कार्य में जुट गए | दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकरने के बाद सुप्रसिद्ध लेखक नरेंद्र कोहली के माध्यम से पांचजन्य के संपादकीय विभाग से जुड़े ,फिर दिल्ली सरकार में नियमित शिक्षक के रूप में सेवाएँ दी |इसके साथ ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा कार्यालय और मीडिया प्रभारी प्रो. रामकृपाल सिन्हा जी के अधीन सम्बित पात्रा,श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह जैसे युवा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मीडिया कंटेन्ट का निर्माण किया | भाजपा उत्तरांचल प्रकोष्ठ की स्थापना के समय मेडिया प्रभारी और बाद में प्रकोष्ठ के प्रदेश संगठन मंत्री बने | भारतीय जनता पार्टी के मंडल,जिले,प्रदेश और राष्ट्रीय मुख्यालय तक कार्यक्रम संचालन और चुनावों में विशेष सक्रियता के वावजूद श्री सेमवाल अपनी माटी और घाटी को नहीं भूले | सार्वजनिक कार्यक्रमों और भाजपा के मंचों पर मौका मिलते ही टिहरी की बदहाली पर अपने सांसद महाराज मानवेंद्र शाह को भी घेरने में कसर नहीं छोड़ी | खतलिंग यात्रा हो चाहे ,विखोत पर्व,रानीगढ़ का मेला हो या हिंदाव में जगदी की जात सूर्य प्रकाश दिल्ली से हमेशा पहाड़ जाते रहे | विद्यालयों में बच्चों की प्रतिभा संवर्धन के कार्यक्रमों को बढ़ावा देते रहे | उत्तराखंड बनने के बाद 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में और 2007 में घनसाली से भारतीय जनता पार्टी के प्रबल दावेदार रहे लेकिन राजवंश के दंश का उनका जुमला भारी पद और उन्हें भाजपा के स्थानीय नेताओं ने पैराशूट प्रत्याशी प्रचारित कर दिया | अपनी घाटी का दर्द उन्हें सालता रहा ,राजनीतिक पद न होते हुए भी अपनी लेखनी से टिहरी की बदहाली,उपेक्षा और अव्यवस्था का उद्घाटन करते रहे | पृथक राज्य बनने के बाद दिल्ली के हर मंच पर टिहरी के जीरो ब्रिज,खतलिंग की उपेक्षा और भ्रष्टाचार के प्रतीक बांधों का विरोध जारी रहा और शायद यही कारण रहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के मंच संचालन का गौरव प्राप्त करने वाला एक विलक्षण युवा ,संघ,भाजपा और विहिप के मुख्यालयों पर एक साथ काम करने की उपलब्धि पाने वाला युवा टिहरी के राजघराणे और उसके द्वारा संचालित स्थानीय डमी भाजपा द्वारा हाशिये पर पहुंचा दिया गया | सूर्य प्रकाश सेमवाल ने निस्वार्थ भाव से टिहरी की आवाज को बुलंद किया | भारतीय गांवों और हिमालयी राज्यों की संस्था पर्वतीय लोकविकास समिति के माध्यम से उत्तराखंड मूल के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा 42 वर्ष करवाई ,टिहरी बांध के ऊपर से आम जनता के लिए सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही को स्वीकृति दिलवाई ,भिलंगना नदी पर प्रस्तावित आधा दर्जन बांधों सहित पूरे राज्य के बांधों के निर्माण को स्थगित करवाया और राजनीति का अखाड़ा बने खतलिंग मेले को स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की भावना के अनुरूप महायात्रा को दिल्ली से खतलिंग तक हिमालय जागरण महायात्रा के रूप में स्थापित करने का कार्य किया | तीन दशक से अधिक समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,विश्व हिन्दू परिषद और भारतीय जनता पार्टी में समर्पण,प्रतिबद्धता और निरन्तरता के साथ कार्य कर रहे भाजपा हिमालय परिवार के प्रभारी एक सामाजिक,शैक्षणिक,सांस्कृतिक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी युवाओं के प्रेरक सूर्य प्रकाश सेमवाल को भाजपा उत्तराखंड राज्यसभा के लिए नाम प्रस्तावित कर बड़े दिल का परिचय दे सकती है | संगठन और पार्टी तो देर सवेर सेमवाल को राज्यसभा भेजेगी ही,लेकिन यह श्रेय इस सुअवसर पर उत्तराखंड और स्थानीय भाजपा नेताओं को जाता तो अच्छा रहता | केवल टिहरी का होना ही श्री सेमवाल के लिए घाटे का सौदा सिद्ध हुआ है ,अन्यथा संघ-विहिप के अधिकारियों के प्रिय और विश्वसनीय तथा भाजपा के की शीर्ष नेताओं का सान्निध्य पाने के साथ खंडूड़ी ,कोशयरी,निशंक और इन सबसे ऊपर सर्वमान्य राष्ट्रीय नेता डॉ . मुरली मनोहर जोशी के सर्वप्रिय कार्यकर्ता को उत्तराखंड सरकार में कोई प्रभावी भूमिका क्यों नहीं मिली | डॉ, निशंक ने शिक्षा मंत्री रहते श्री सेमवाल को अपने साथ क्यों नहीं जोड़ा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वसनीय और बड़े नेता पीयूष गोयल ने वाणिज्य और उद्योग जैसे मंत्रालय में सलाहकार कैसे नियुक्त कर दिया | दिल्ली सहित पूरे देश में पहाड़ के प्रवासी समाज में लोकप्रिय सूर्य पत्रकाश सेमवाल को भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और संगठन का तो पूर्ण आशीर्वाद है ही ,टिहरी भाजपा को मन की गांठ खोलकर राज्य भाजपा को एक सुयोग्य,सक्षम और सुपात्र व्यक्ति का नाम स्वयं आगे करना चाहिए | यह ध्यान देने योग्य और विचारणीय बात है कि 15 -20 वर्ष पहले की भूल को सुधारकर टिहरी के भाजपा नेताओं को बड़े दिल से संसद के उच्च सदन के अनुरूप प्रत्याशी के नाम को पैनल के लिए भेजना चाहिए | उत्तराखंड से राज्यसभा के लिए सूर्य प्रकाश सेमवाल से सुयोग्य,सक्षम और समर्पित प्रतिनिधि कोई नहीं हो सकता, अन्यथा पार्टी आलाकमान को केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को नामांकित करना चाहिए,तभी उत्तराखंड का विकास होगा और टिहरी का उद्धार भी |

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